
मुख्य संवाददता, ललन सिन्हा
पटना बिहार: देश का युवा झेल रहा बेरोजगारी का सितम और सरकार NRC कानून के तहत पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, बंगलादेश से हिन्दू ,सिख,ईसाई,जैन बौद्धिस्ट इत्यादि छः करोड़ लोगों को बिना किसी शर्त के नागरिकता देकर भारत लाने की तयारी की जा रही है।
अगर आपके पूर्वजो यानी बाप दादा का जातीय-आवासीय प्रमाण पत्र नही है तो आपको देश से निकाल दिया जायेगा। आखिर इस कानून को देश में जरूरत ही क्या है, देश में जरूत है बेहतर शिक्षा स्वास्थ सड़क बिजली पानी रोजगार इत्यादि की,
लेकिन यह सरकार जब से आई है तब से जनता को लाइन में ही खड़ा करा रही है। कभी जनधन योजना का लाइन, नोटबंदी का लाइन, राशन कार्ड का लाइन, अब एनआरसी का लाईन, यह ऐसे दौर में किया जा रहा है जिस वक्त देश आर्थिक तंगी से जूझ रहा है।

यह सब इस लिए किया जा रहा है ताकि जनता का असली मुद्दा से ध्यान भटकाया जा सके। आज आलम यह है कि देश का युवा पुलिस की नौकरी पाने की चाहत में रविवार को बिहार पुलिस की परीक्षा देने विधार्थी अपने सेंटर पर जाने के लिए जान जोखिम में डाल कर सफर कर रहे है।
यह अद्भुत तस्वीर विधार्थियो का बिहार के पटना जं. और गया जं. की है…..ये बेरोजगारी का आलम देख भविष्य में भयंकर सुनामी की तरह भुखमरी के संकेत मिल रहे है।
रोज़गार का सृजन होगा लेकिन पहले राजनीतिक दलों एवं सरकारों को धर्म-जाति के नाम पर लड़ने लड़ाने से फुर्सत मिले तब।
इस बेरोजगारी का आलम देख बड़े-बड़े राजनीतिक दलों के बड़े-बड़े बुद्धिजीवियों को इस भयानक तस्वीर से सबक लेने की ज़रूरत है। अभी देश की असली मुद्दा ये तस्वीर ही बयां कर रही है।
बेरोजगारी सुरसा की तरह मुँह बाये खड़ी है जिसे सरकार साफ तौर पर इंकार कर चुकी है, युवा की बेरोजगारी से सरकार को कोई लेना देना नही है।