नेपाल में मारा तेंदुआ, गल्फ भेजना था.. मोतिहारी में पकड़े गएः खाल की कीमत 50 लाख, सेक्स पावर की दवा में इस्तेमाल; ऑर्डर, शिकार, डिलीवरी की कहानी

नेपाल में मारा तेंदुआ, गल्फ भेजना था.. मोतिहारी में पकड़े गएः खाल की कीमत 50 लाख, सेक्स पावर की दवा में इस्तेमाल; ऑर्डर, शिकार, डिलीवरी की कहानी

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मोतिहारी: तेंदुए की खाल से सेक्स पावर की दवाएं बन रही हैं। खाड़ी देशों में बढ़ती डिमांड के कारण नेपाल में इनका शिकार हो रहा है। शिकारियों के निशाने पर तेंदुए हैं, जिनकी खाल की काफी डिमांड है। शिकार से लेकर अंतरराष्ट्रीय मार्केट में जानवरों के अंगों की सप्लाई के लिए कई लेयर में काम हो रहा है।तेंदुए की 7 फीट के खाल से करोड़ों की सेक्स पावर दवाएं तैयार की जा सकती हैं।

इसका खुलासा रक्सौल और वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के जॉइंट ऑपरेशन में हुआ है। जांच एजेंसी अभी तह तक पहुंचने में जुटी है।जानकारी मिल रही है वह काफी चौंकाने वाली है। जांच एजेंसी का दावा है कि उनके हाथ अभी कैरियर आए हैं, बड़े तस्कर हाथ आए तो नेपाल में तेंदुए के शिकार का बड़ा कनेक्शन सामने आएगा। पढ़िए तेंदुए की खाल का ऑर्डर, शिकार और डिलीवरी की पूरी कहानी.._

30km के एरिया में 5 लेयर में होता पूरा काम

चितवन के जंगल से लेकर बॉर्डर तक 5 लेयर में तेंदुए की खाल का ऑर्डर, शिकार और डिलीवरी का काम होता था। पहली लेयर को ऑर्डर मिलता था। दूसरे गोली मारकर तेंदुए का शिकार करती थी। तीसरी खाल बाहर भेजने के लिए रेडी करती थी। चौथी और 5वीं इसकी बॉर्डर तक डिलीवरी करती थी।

ऑर्डर मिलने के बाद तेंदुए की तलाश करते थे

ऑर्डर मिलने के बाद ये गैंग तेंदुए की तलाश में जुट जाती थी। तेंदुए को मारने के लिए ये लोग बंदूक का इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने तस्करों से अभी जो खाल बरामद की है। उस तेंदुए को भी ठीक इस तरह मारा गया है। उसकी खाल में 5 गोलियों के निशान हैं। इसका मतलब उसे 5 गोलियां मारी गई हैं।

कैसे तस्करों तक पहुंची पुलिस

रक्सौल पुलिस की मदद से वन्य जीव अपराध नियंत्रण व्यूरो के अधिकारियों ने बुधवार को दो तस्करों को तेंदुए की खाल के साथ गिरफ्तार किया है। एसडीपीओ धीरेंद्र कुमार के मुताबिक उन्हें सूचना मिली थी कि दो लोग सिसवा नहर के पास तेंदुए की खाल के साथ हैं।इसके बाद टीम बनाकर छापेमारी कर दोनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार तस्करों में मुकेश यादव नेपाल के रोहतक जिला के मौलापुर गांव का रहने वाला है, जबकि दूसरा रक्सौल का रहने वाला है। वह नाबालिग बताया जा रहा है।

गोली मारने के बाद तेंदुए के अंग को अलग करते थे

गिरफ्तारी के बाद से ही दोनों तस्करों से वन्य जीव अपराध नियंत्रण व्यूरो और स्थानीय पुलिस पूछताछ कर रही है। पूछताछ में पता चला है कि शिकार कोई और करता है, तस्करों को सिर्फ बॉर्डर पार करना होता है। पुलिस के मुताबिक तेंदुए की खाल पर 5 गोलियों के निशान हैं, ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि शिकार के लिए पहले गोली मारी गई फिर खाल को अन्य अंग से अलग किया गया होगा।

तेंदुए से बन रही सेक्स पावर की दवाएं

सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवा बनाने में तेंदुए की खाल और अन्य अंगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक नेपाल के रास्ते बड़े पैमाने पर वाइल्ड लाइफ एनिमल की खाल और अंगों की तस्करी हो रही है। इसके लिए बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है।नेपाल से लगी भारतीय सीमा में ऐसे तस्करों की डीलिंग होती है, इसके बाद शिकार होता है और फिर खाल के साथ अंगों को ठिकाने पर पहुंचाने के लिए करियर को लगा दिया जाता है।सूत्र बताते हैं कि पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां कोई बड़ा खुलासा इसलिए नहीं कर पाती हैं क्योंकि बड़े तस्कर कभी हाथ लगते ही नहीं हैं। करियर ऐसे होते हैं, जिन्हें कुछ पता नहीं होता है।

वह तो महज बॉर्डर पार कराने का काम करते हैं।वह जैसे पकड़े जाते हैं, दूर से उन पर नजर रखने वाले बड़े तस्कर फरार हो जाते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ है, लेकिन जांच एजेंसियां पूछताछ में तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।वाइल्ड लाइफ पर काम करने वाली एजेंसी के सूत्रों की मानें तो ठंड के दिनों में तेंदुए से लेकर अन्य खूंखार जानवरों के अंगों की डिमांड बढ़ जाती है। खाल का अलग रेट होता है और दांत से लेकर अन्य अंगों का अलग-अलग रेट लगता है।यह सेक्स पवर की दवाएं बनाने के काम आती हैं। जहां भी ऐसे जानवरों की संख्या अधिक होती हैं, वहीं तस्करों का पूरा नेटवर्क एक्टिव रहता है।सूत्रों का कहना है कि अगर जांच एजेंसियों के हाथ सही जानकारी लग जाए तो नेपाल से लेकर दवा कंपनी तक का बड़ा खुलासा हो जाएगा।

नेपाल के रास्ते करोड़ों की तस्करी

तेंदुए की खाल को तो पकड़ी गई है, इसके अन्य अंगों को कहां से बॉर्डर पार कराया गया। यह नहीं पता चल पाया है। पुलिस का कहना है कि शिकार नेपाल में हुआ होगा, इसलिए इसकी पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही है।जांच एजेंसियां भी मान रही हैं कि तेंदुए के अन्य अंगों को दूसरे तस्करों को दिया गया होगा। ऐसा भी हो सकता है कि इसके लिए अलग करियर लगाए गए होंगे। अनुमान लगाया जा रहा है कि दोनों आरोपी तेंदुआ का खाल नेपाल से लाकर उसे किसी को सप्लाई करने वाले थे। तेंदुआ की पूरी खाल की कीमत अंतर राष्ट्रीय बाजार में 50 लाख के आसपास की बताई जा रही है।एसडीपीओ धीरेंद्र कुमार का कहना है कि वह जांच कर रहे हैं, तस्करी कहां से कैसे हो रही है, इसका भी पता लगाया जा रहा है। खाल बरामद होने के बाद नेपाल सीमा पर पूरी तरह से अलर्ट कर दिया गया है।

पुलिस के साथ साथ वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के अधिकारी नारायण राम सेवक के साथ उनकी टीम भी अलर्ट हो गई है। एसडीपीओ धीरेंद्र कुमार का कहना है कि वह इस पूरे नेटवर्क के ट्रेंड का खुलासा करने के लिए लगे हुए हैं।_

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