खसरा व रूबेला से बचाने के लिए आम जनता के बीच चलेगा विशेषजागरूकताअभियान:डीआईओ।
बेतिया(पच्छिम चम्पारण)
जिला में खसरा व रूबेला बीमारी से बचाव के लिए आम आदमी के बीच जागरूकता अभियान चलाकर विशेष कार्यक्रम चलाया जाएगा, जिससे लोगों की जानकारी हो सके उसका समय पर इलाज कराया जा सके। डीआईओ,
डॉ अवधेश सिंहासन ने संवाददाता को बताया कि बच्चे के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए उनको बचाने के लिए नियमित टीकाकरण का होना नितांत आवश्यक है, इस मौसम में बच्चों में रूबेला, खसरा होने की संभावना बनी रहती है,इसी से बच्चे ग्रसित होते हैं, जिससे बीमार बच्चों में निमोनिया और डायरिया होने का खतरा बना रहता है, इन लोगों के होने पर प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इससे बचने के लिए 9 महीना से लेकर 2 साल तक के बच्चों को दो टीका नियमित अंतराल पर लगाना जरूरी है, उन्होंने संवाददाता को बताया कि वर्ष 2026 तक खसरा रूबेला कार्यक्रम चलाना है,इसको लेकर टीकाकरण की क्षमता बढ़ाना है,और इसका विशेष रूप से अभियान चलाया जाएगा।
डीआईओ ने संवाददाता को को बताया कि इसके पूर्व में भी जो अभियान चलाया गया था उसके प्रथम खुराक से 96% तथा दूसरे खुराक से 93% बच्चों को दिया गया था, प्रथम खुराक में चार प्रतिशत और दूसरे खुराक में 7% बच्चे
वंचित रह गए थे,जिनको पिलाना है।इस संदर्भ में जागरूकताअभियान चलाकर इस कमी को पूरी की जाएगी, ताकि बच्चे संरक्षित रह सकें साथ ही इसके लक्ष्य को पूरा किया जा सके।
टीका लेने के पूर्व डॉक्टर से सलाह लेनाआवश्यक होगा।
खसरा और बुंदेला की बीमारी अधिकतर बच्चों में होती है, यह वायरल संक्रमण है,जो सांस लेने के द्वारा फैलते हैं। टीका लेने के बाद बच्चों में बुखार,लाल लाल चकता हो सकता है,जो कुछ दिनों में ठीक हो जाता है,इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
खसरे की बीमारी में नाक बहना,बुखार लगाना,खांसी होना,लाल चकता होना मुख्य लक्षण है,अगर बच्चों में यह लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।