नई शिक्षा नीति 2020 का मतलब सरकारी स्कूलों- काँलेजों को बंद करने का फरमान: आइसा
Online शिक्षा द्वारा अधिकांश आबादी को बाहर धकेलने कि तैयारी: इनौस
ब्यूरो रिपोर्ट, बेतिया, 12 अगस्त 2020 नई शिक्षा नीति के खिलाफ AISA (ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन) के राष्ट्रीय आह्वान पर पश्चिमी चंपारण के जिला मुख्यालय बेतिया के छावनी में (नई शिक्षा नीति) NEP 2020 को रद्द करने को लेकर प्रतिवाद दिवस औंर नई शिक्षा नीति के प्रति दहन किया। इनौस जिला संयोजक फरहान राजा ने कहा कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से भाजपा सरकार, सरकारी स्कूलों- काँलेजों को बंद कर शिक्षा को नीजी हाथों मे बेचने कि तैयारी कर रही है।
इतना ही नहीं शिक्षा में जाति-वर्ग भेद पैदा करने, विश्वविध्यालयों का भगवाकरण करने, ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देकर अधिकांश आबादी को शिक्षा से बाहर धकेलने कि तैयारी कर रही है। नेताओं ने आगे कहा कि मोदी सरकार द्वारा ‘मर्जर’ के नाम पर सरकारी स्कूलों-कॉलेजों को बंद कर प्राइवेट संस्थानों को बढ़ावा देने वाली NEP हमें मंजूर नहीं है। शिक्षा बाज़ार में बेची जाने वाली वस्तु नहीं हैं, जो हर भारतीय का मूल अधिकार है! शिक्षा के माध्यम से अमीरी-गरीबी की खाई को और बड़ा करने की साज़िश है।
इस बीच छात्रों ने NEP के नाम पर शिक्षा का खरीद-फ़रोख़्त बन्द करो! शिक्षा में RSS का दखल नहीं चलेगी! विश्वविध्यालयों का भगवाकरण बंद करो! ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देना बंद करो! यह भेदभावकारी NEP को रदद् करो! नई शिक्षा नीति नहीं चलेगी ! शिक्षा से खिलवाड़ नहीं सहेगें ! देश के भविष्य से खिलवाड़ नहीं सहेगें!, नई शिक्षा नीति रद्द करो! गरीबों-वंचितों को विश्वविद्यालय से बाहर धकेलने वाली मोदी सरकार मुर्दाबाद! नई शिक्षा नीति सामाजिक न्याय विरोधी है!
यह आरक्षण विरोधी है! NEP प्राइवेट स्कूलों को मनमाना फीस रखने की छूट देने वाली नई शिक्षा नीति हैं इसे खारिज करो! नई शिक्षा नीति’ नहीं चाहिए। हमें चाहिए ‘समान शिक्षा प्रणाली’। इस मौके पर आइसा नेता शाहील,समीर, वाहीद इकवाल, अबदुल्ला, औरंगजेब आदि लोगों ने भी नई शिक्षा नीति के को रद्द करने की मांग किया।