महिला एक,नौकरी दो  चौकीय नहीं हकीकत है।   मामला दस्तावेजों में चतुराई कर नौकरी हथियाने का। 

महिला एक,नौकरी दो चौकीय नहीं हकीकत है।  मामला दस्तावेजों में चतुराई कर नौकरी हथियाने का। 

Bihar West Champaran सिकटा

 

  • संरक्षण देने में नौकर भूले जनतंत्र के मालिक व लोकतंत्र के प्रहरी से बात करने का तरीका।
  • इतने बड़े भ्रष्टाचार का गवाह है राज इंटर कॉलेज का अभिलेख व समाहरणालय परिसर में संचालित डीपीओ कार्यालय की संचिका एवं सीसीटीवी कैमरा।
  • 6 वर्ष में दसवीं बोर्ड की परीक्षा उत्तीर्णता सवालों के घेरे।

 

बेतिया (न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान)

देश में बढ़ती हुई जनसंख्या की वजह से बेरोजगारी इस कदर बढ़ गई है कि बेरोजगार नौकरी हथियाने के लिए कथित रूप से जाली दस्तावेजों का भी सहारा ले रहे हैं। और यह सब इसलिए होता है कि क्योंकि हमारे तंत्र में भ्रष्टाचार की मजबूत नींव बनी हुई है। सरकारें चाहें जिसकी भी हो पर बिना भ्रष्टाचार के कहीं भी आपके एक कदम नहीं बढ़ सकते।

ऐसा ही एक और मामला बेतिया जिला से आया है जहाँ लोग नौकरी के लिए भटक तो रहें हैं पर वहीं दूसरी तरफ एक महिला को विभागों की मेहरबानी से दो दो नौकरी का सुनहरा अवसर प्राप्त हो रखा है। बेतिया के राज इंटर काॅलेज में एक अतिथि शिक्षक के रूप में कथित रुप से सुप्रिया रोड निवासी रामानुज राव की बेटी प्रियदर्शनी 16 जुलाई 2018 को अंग्रेजी विषय के लिए अनुबंधित की जाती हैं। जिनके दिए कागजातों में कथित रूप से जन्मतिथि 8 अक्टूबर 1992 दर्ज है। वहीं फरवरी 2021 में यहीं प्रियदर्शनी आईसीडीएस जिला कार्यालय में प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना अंतर्गत जिला प्रोजेक्ट सहायक के पद पर कार्यरत हैं। इस तरह वो दो दो सरकारी सेवाओं का लाभ उठाते हुए प्रशासनिक व विभागीय मिलीभगत से उठाते आ रही हैं। कोविड-19 में बंद हुए संस्थानों का भरपूर फायदा उनको मिला। हालांकि विधालय में इन चार माह में सिर्फ 9 दिन ही उपस्थिति की हाजरी बनी पर आईसीडीएस में वो उपस्थित रही। जिसका गवाह वहां लगे सीसीटीवी कैमरा भी है। जिससे पूर्णतः स्पष्ट हो जाएगा।

उपरोक्त संबंध में जनता दल यूनाइटेड के समाज सुधार सेनानी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रवि रंजन सिंह अपना आवेदन जिलाधिकारी, पश्चिम चम्पारण को आवेदन देकर उपरोक्त जानकारी देते हुए यह भी लिखा है कि प्रियदर्शनी नाम की महिला संत तेरेसा स्कूल बेतिया से प्रियंका प्रियदर्शनी नाम से 1998 में ही मैट्रिक पास है। और उनके उम्र और नाम का सभी दस्तावेज जो नौकरी के लिए जमा है वो पूर्णतः फर्जी और गलत है। और प्रियदर्शनी उर्फ प्रियंका प्रियदर्शनी की उम्र 40 वर्ष के लगभग में है। ऐसे में दो दो नौकरी का सवाल कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार का परिचायक है। जिसकी जांच होनी चाहिए।

वहीं आवेदन में लिखी तथ्यों की पड़ताल विधालयीय सूत्रों से की गई तो यह पता चला कि संत तेरेसा स्कूल से 1998 में रामानुज राव की बेटी प्रियंका प्रियदर्शनी ने मैट्रिक परीक्षा पास किया है और उनकी जन्मतिथि 1 जुलाई 1981 विधालय में दर्ज है। ऐसे में जब एक लड़की जब 1998 में पास है और उसकी जन्मतिथि 1981 है तो आखिर किसने और कैसे उस जन्मतिथि को 1992 बनाकर मैट्रिक का गलत दस्तावेज बनाया है। आखिर ऐसे सिंडिकेट किसके संरक्षण में कार्य कर रहे हैं जो कि नौकरी लेने के लिए इस तरह के कार्यों को अंजाम देते हैं।

वहीं राज इंटर काॅलेज के प्रधानाचार्य हरिशंकर सिंह ने अतिथि शिक्षक प्रियदर्शनी के संबंध में पूरी जानकारी दी गई। वहीं जब प्रधानाचार्य से मिलकर निकलते वक्त मुख्य द्वार के पास प्रियदर्शनी उर्फ प्रिया प्रियदर्शनी ने हमें रोक कर न्यूज नहीं निकालने की दबाव दी जाने लगी और स्वीकार भी किया कि दोनों नौकरी वो स्वयं करती है परन्तु अब छोड़ देगी। कृप्या न्यूज ना निकालें। उसके पश्चात एक अलग नम्बरों से कुछ पत्रकारों मित्रों के चलभाष पर एक व्यक्ति द्वारा समाचार प्रकाशित न करने और मिलने का दबाव बनाया जाने लगा जो कि कई बार चलभाष पर फोन करके किया गया जिसका साक्ष्य रिकार्डिंग के रूप में उपलब्ध है।वहीं

जिला की बैठक के पश्चात आईसीडीएस की डीपीओ सुश्री मयंक सिंह से उनके कार्यालय में पत्रकारों द्वारा सम्पर्क करने की कोशिश की गई तो पत्रकारों के नाम पद और मोबाइल नम्बर लेने के पश्चात कार्यालय के अंदर जाने पर वो अपनी पद और कुर्सी की घमंड में यह भूल गयी कि पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी होने के साथ साथ जनतंत्र के मालिक भी हैं और मैं जनता के सेवक। (नौकर) उनके द्वारा अपने कार्यालय कक्ष में अपने बुलाकर फीर बाहर जाने को कहा जाना सेवक द्वारा मालिक का अपमान है। । एक जिला स्तरीय जनसेवक का पत्रकारों के साथ ऐसा व्यवहार उनकी भूमिका को संदिग्ध बनाता है। जो गंभीर जांच का विषय है। ज्ञात हो कि इनके पिता सुरेंद्र सिंह जिला परिषद बेतिया में अपनी सेवा दे चुके हैं। जिसके कारण विभिन्न माध्यमों से इस खबर को प्रकाशित करने से रोकने के लिए दबाव बनाया जाना कहीं ना कहीं संबंधित भ्रष्टाचार को प्रभावित करने की कोशिश मात्र हो सकती है।

 

जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से सम्पर्क करने की कोशिश की गई तो वो कार्यालय में उपस्थित नहीं थे जिससे उनकी प्रतिक्रिया नहीं ली जा सकी और वही शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कपिल देव प्रसाद से मोबाइल पर प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है और उसकी जांच का आदेश दिया गया है। संभवतः दो दिनों में जांच आ जाएगी। वहीं इस मामले की चर्चा संबंधित विधालय से लेकर शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन में पूरे जोर शोर से चर्चा का विषय बना रहा। कुछ ने दबी जुबान से यह भी कहा कि वो अतिथि शिक्षिका से इस्तीफा दे देगी।

 

सूत्रों के अनुसार रामानुज राव की तीन बेटी है जिसमें बड़ी बेटी का नाम प्रिया प्रियदर्शनी बैरिया प्रखंड में महिला पर्यवेक्षिका है, दूसरी प्रियंका प्रियदर्शनी उर्फ प्रियदर्शनी और तीसरी बेटी पल्लवी प्रियदर्शनी है। ऐसे में कोई भी शक और संदेह की स्थिति नहीं बनती है जिससे प्रियंका प्रियदर्शनी ही प्रियदर्शनी है।

 

बहरहाल जो भी हो परन्तु बेतिया में ऐसे भ्रष्टाचार के मामले सामने आने से बेतिया एक बार फिर से चर्चा में है। प्रदेश की नीतीश कुमार की सरकार ऐसे भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाले जनसेवक की वजह से बदनाम हो रही है। बीच भाकपा माले नेता वीरेंद्र गुप्ता एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के ओमप्रकाश क्रांति ने इस बीच संबंधित विभागों की वरीय अधिकारियों का तबादला करने के साथ ही उच्च स्तरीय जांच

कर संलिप्त लोगों पर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। ताकि शिक्षित बेरोजगार युवाओं के साथ अन्याय न हो।

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