- *अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिवारजन एवं अस्पताल स्टॉफ को भी उचित दर पर उपलब्ध होगा भोजन।*
- *जिलाधिकारी द्वारा दीदी की रसोई का किया गया उद्घाटन।*
- *दीदी की रसोई का संचालन जीविका दीदियां करेंगी।*
*बेतिया न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान*
जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार द्वारा आज अनुमंडलीय अस्पताल, नरकटियागंज में दीदी की रसोई का फीता काटकर उद्घाटन किया गया। दीदी की रसोई से भर्ती मरीजों को शुद्ध, पौष्टिक एवं गुणवतापूर्ण भोजन मुफ्त में मिलेगा। भोजन में सुबह-शाम का नाश्ता, दोपहर एवं रात का भोजन शामिल है। साथ ही भर्ती मरीजों के परिवारजन एवं अस्पताल के स्टॉफ को भी निर्धारित न्यूनतम मूल्य पर भोजन उपलब्ध होगा। दीदी की रसोई का संचालन जीविका दीदियों द्वारा किया जायेगा।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, राज्य कार्यालय, जीविका के पदाधिकारी, जिला परियोजना प्रबंधक, जीविका, जिला प्रबंधक स्वास्थ्य, उपाधीक्षक नरकटियागंज, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, नरकटियागंज, जीविका के विषय-वस्तु प्रबंधक, प्रखंड स्तरीय प्रबंधक एवं सभी कर्मी तथा स्वास्थ्य विभाग के सभी चिकित्सा पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
दीदी की रसोई का उद्घाटन करने के पश्चात जिलाधिकारी द्वारा दीदी की रसोई के किचन रूम, भंडार रूम, रिसेप्शन काउन्टर, शौचालय एवं बाथरूम की सुविधाओं का निरीक्षण किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि दीदी की रसोई बिहार सरकार की एक महत्त्वपूर्ण पहल है। इससे जीविका दीदियों को स्थाई रोजगार तो मिलेंगे ही इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों को शुद्ध एवं पौष्टिक युक्त भोजन भी समय से उपलब्ध होगा। इन्होंने जीविका दीदियों के कार्यों की सराहना करते हुए बताया कि जीविका दीदी प्रतिदिन कामयाबी की नयी सीढ़ी चढ़ रही है। इसे सतत रूप से आगे जारी रखने की जरूरत है।
डीपीएम, जीविका, श्री अविनाश कुमार द्वारा बताया गया कि वर्षा जीविका महिला संकुल संघ के अंतर्गत संचालित दीदी की रसोई कैन्टीन का उद्घाटन आज जिलाधिकारी द्वारा किया गया है। उन्होंने बताया कि पश्चिम चंपारण जिले में जीविका दीदी की क़वायद लगभग छह माह पहले रखी गई थी जब केरल के कुटुंब श्री से आयी दीदी ने जिले के जीविका दीदी को कैन्टीन संचालन और प्रबंधन से ले कर तरह तरह के व्यंजन बनाने का गुर सिखाया था।
वर्षा दीदी की रसोई की अध्यक्ष तजबुन नेसा ने बताया कि आज का दिन उनके लिए बेहद खुशी का दिन और अब जीविका दीदी मरीजों को स्वादिष्ट भोजन कराने का अवसर मिलेगा, साथ ही साथ इससे इस कार्य से जुड़ी जीविका दीदी की आमदनी भी बढ़ेगी और वे आत्मनिर्भर भी बनेंगी।