कॉलेज में संचालित फिजियोलॉजी, बायो केमिस्ट्री, फार्मोकोलॉजी, मेडिसिन, एनाटॉमी, माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी, कम्युनिटी मेडिसिन, विभागों का स्थिति है बद से बदतर!
कुछ विभाग तो कॉलेज के प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापकों के ही सहारे होता है संचालन नहीं रहते विभागा अध्यक्ष।
सभी विभागाध्यक्ष अपने-अपने विभाग आते हैं प्रत्येक सोमवार को यानी सप्ताह में 1 दिन और महीने में 4 दिन!
वही हाल है इन विभागों में कार्यरत सहायक प्राध्यापक एवं टयूटरो का !
जब प्राध्यापक सहायक प्राध्यापक एवं ट्यूटर का है यह हाल तो ऑपरेटर एवं टेक्नीशियन का है क्या कहना!
बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट!
बेतिया ( पश्चिमी चंपारण) जिले के सुप्रसिद्ध गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में बिहार सरकार द्वारा लगभग युद्ध स्तर पर सभी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है! तथा कुछ विभागों में सभी सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है! तथा कहीं यदा-कदा कुछ त्रुटियां हैं उसे भी दिन प्रतिदिन पूरा किया जा रहा है!
परंतु उक्त कालेज में अभी लगभग आधा दर्जन से अधिक लैबोरेट्री का संचालन तो हो रहा है मगर इस जिले के रोगियों को इन लैबोरेटरीयो के माध्यम से कोई विशेष सुविधा उपलब्ध नहीं हो रहा है जिसका मुख्य कारण है कि विभागाध्यक्ष का प्रतिदिन अपने विभाग में नहीं आना! जब विभाग में विभागाअध्यक्ष ही महीने में चार दिन अपने विभाग के कार्यों का निर्वाह के लिए विभाग पहुंचेंगे तो प्राध्यापकों को तथा सहायक प्राध्यापको एवं डाटा ऑपरेटरो तथा लैब टेक्नीशियनो का क्या पूछना?
यदि इन लोगों से पूछा जाए तो इनका यही उत्तर होगा 11 बजे लेट नहीं और 2 बजे के बाद भेंट नहीं! अब रही शुक्रवार की बात तो शुक्रवार के दिन तो पूछना ही नहीं! शुक्रवार के दिन तो आधे से अधिक लैबोरेट्री के कर्मी 2 से 3 बजे अपने अपने स्थाई घरों के लिए प्रस्थान कर जाते और सोमवार के दिन वापस आ जाते हैं! जो गंभीर जांच का विषय है यदि कालेज के प्राचार्य द्वारा इसकी जांच की जाए तो सारी तथ्य सामने आ जाएगी!