सिकटा, मैनाटांड़ प्रखंड के लगभग 2 लाख की आबादी वाले लोगों को राजधानी आने जाने के लिए एक भी ट्रेन नहीं!

सिकटा, मैनाटांड़ प्रखंड के लगभग 2 लाख की आबादी वाले लोगों को राजधानी आने जाने के लिए एक भी ट्रेन नहीं!

Bettiah Bihar West Champaran

दोनों प्रखंड वासियों ने रेल नहीं तो वोट नहीं की चेतावनी दी सरकार को!

सिकटा ‌ से अमर कुमार की रिपोर्ट!

सिकटा ( पश्चिमी चंपारण)
दुनियां के सबसे बड़े महान लोकतांत्रिक देश भारत का नंबर एक संसदीय क्षेत्र संख्या 01 बाल्मीकिनगर और बापू की कर्मभूमि भी चंपारण ही है ।देश चांद तक का सुनहरा सफर तय कर लिया,लेकिन सिकटा मैनाटॉड विधानसभा क्षेत्र के लगभग दो लाख की आबादी वाले लोग राज्य की राजधानी पटना या देश के राजधानी समेत महानगरों के लिए एक अदद ट्रेन से सफर करने के लिए तरस रहे है। एक तरफ देश की सरकार सबका साथ सबका विकास का नारा देकर विकास करने की बात कह कर सामाजिक एकरूपता के साथ छल कर रही है।इसमे भाजपा के क्षेत्रीय नेताओ की भूमिका काफी अहम बताई जा रही है।जिससे नरकटियागंज-रक्सौल रेलखंड पर राज्य की राजधानी व देश की राजधानी समेत महानगरों के लिए ट्रेन की सुविधा से लोग महरूम हो रहे हैं।लेकिन अपने हक के लिए सोई अवाम अब जग गई है।*रेल नही तो वोट नही*का स्लोगन सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।इस स्लोगन से इसक्षेत्र की जनता ने मांग किया है कि नरकटियागंज-रक्सौल रेलखंड परपहले 10 जोड़ी ट्रैन अब क्यों नही,पहले लंबी दूरी के एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव अब क्यों नही,हमे हमारा पुराना रेलवे दिया जाय।कारण की अमान परिवर्तन के 5 साल बीत जाने के बाद भी लंबी दूरी और राजधानी जाने तक के लिए ट्रेन का परिचालन शुरू नही हो सका है।ग्रामीण राजा सर्राफ, पप्पू, मुन्ना, आलोक,मिरोज अहमद, शब्बीर अनवर उर्फ मुन्ना, वाकिफ अली अमान, बबलू गुप्ता, जावेद अख़्तर उर्फ पप्पू ने स्थानीय सांसद राज्यसभा सांसद रेलमंत्री और प्रधानमंत्री से मांग किया है कि जिसतरह बाल्मीकिनगर लोकसभा का क्षेत्र संख्या एक है वैसे ही नरकटियागंज-रक्सौल रेलखंड भाया सिकटा को देश के सभी रेलवे स्टेशनो से जोड़ दिया जाय। हालांकि कई बार स्थानीय ग्रामीणों ने राज्यसभा सांसद और रेल राज्यमंत्री से इस ओर ध्यानाकृष्ट कराया था।कोई हल नहीं निकला।जबकि नरकटियागंज-रक्सौल रेलखंड सीमावर्ती क्षेत्र और सामरिक दृष्टिकोण से अतिमहत्वपूर्ण है।इस रेलखंड पर पड़ोसी देश नेपाल के भी सैकड़ों लोग गमनागमन के लिए आते जाते हैं।वही इस संबंध में पूछ जाने पर राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे ने बताया कि इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।

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