सात वर्षीय, नन्हा रोजेदार बच्ची ने रोजा रखकर एक कीर्तिमान स्थापित किया।

सात वर्षीय, नन्हा रोजेदार बच्ची ने रोजा रखकर एक कीर्तिमान स्थापित किया।

Bihar West Champaran

बेतिया न्यूज़ ब्यूरो वकीलूर रहमान खान, स्थानीय नगर थाना क्षेत्र के, मोहल्ला गंज नंबर 2, वार्ड नंबर 19 के रहने वाली एक 7 वर्षीय नन्ही बच्ची, रकीबा नायेला अजीम,पिता,,अजीम अहमद,माता,नताशा अजीम ने इस माहे मुबारक में, रोजा रखकर एक कीर्तिमान स्थापित किया है, इतनी छोटी सी सात वर्षीय नन्ही बच्ची का रोजा रखना, मुस्लिम समुदाय में, वैसे लोगों पर, जो स्वस्थ रहकर भी रोजा नहीं रखते हैं, और रखने में बहाना बाजी करते हैं, उन लोगों के ऊपर एक मार्गदर्शन का काम करेगा, और साथ में उन लोगों को नसीहत पाने के लिए मिसाल बनेगा।
मुस्लिम समुदाय में इस पवित्र रमजान के महीने में ,रोजा रखना फर्ज किया गया है, और सभी बालिग मर्द व औरत को रोजा रखना लाज़िम करार दिया गया है,साथ ही इस पवित्र रमजान के महीने में, नमाज पढ़ना,इबादत करना,तरावीह पढ़ना आवश्यक बताया गया है, साथ ही इस पवित्र रमजान के महीने में, इबादत करने से बहुत तरह के गुनाहों से मुक्ति मिल जाती है, इसके साथ ही,गरीबों,मजबूरों, बेसहारा,मिस्किनों को खाना खिलाना,जकात देना, फितरा निकालना भी आवश्यक बताया गया है,अगर मुस्लिम समुदाय के लोग इस महीने में अल्लाह के बताए हुए रास्ते पर चल कर अमल करलें तो शायद इन लोगों को सारी मुसीबत व परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा। मुस्लिम समुदाय के लोग इस पवित्र रमजान के महीने का 30 रोजा रखकर ,अगले दिन में ईद का चांद होने पर,ईद की नमाज अदा करते हैं ,और ईद मुबारक के साथ,अपने इष्ट मित्र को सभी समुदाय के लोगों के साथ मिलकर, उनको मीठे पकवान ,सेवइयां का निमंत्रण देकर उन्हें मुंह मीठा कराते हैं ,और ईद की मुबारकबाद का गले मिलकर आदान प्रदान कर खुशियां मनाते हैं।
स्थानीय नगर थाना क्षेत्र के, मोहल्ला गंज नंबर 2, वार्ड नंबर 19 के रहने वाली एक 7 वर्षीय नन्ही बच्ची, रकीबा नायेला अजीम,पिता,,अजीम अहमद,माता,नताशा अजीम ने इस माहे मुबारक में, रोजा रखकर एक कीर्तिमान स्थापित किया है, इतनी छोटी सी सात वर्षीय नन्ही बच्ची का रोजा रखना, मुस्लिम समुदाय में, वैसे लोगों पर, जो स्वस्थ रहकर भी रोजा नहीं रखते हैं, और रखने में बहाना बाजी करते हैं, उन लोगों के ऊपर एक मार्गदर्शन का काम करेगा, और साथ में उन लोगों को नसीहत पाने के लिए मिसाल बनेगा।
मुस्लिम समुदाय में इस पवित्र रमजान के महीने में ,रोजा रखना फर्ज किया गया है, और सभी बालिग मर्द व औरत को रोजा रखना लाज़िम करार दिया गया है,साथ ही इस पवित्र रमजान के महीने में, नमाज पढ़ना,इबादत करना,तरावीह पढ़ना आवश्यक बताया गया है, साथ ही इस पवित्र रमजान के महीने में, इबादत करने से बहुत तरह के गुनाहों से मुक्ति मिल जाती है, इसके साथ ही,गरीबों,मजबूरों, बेसहारा,मिस्किनों को खाना खिलाना,जकात देना, फितरा निकालना भी आवश्यक बताया गया है,अगर मुस्लिम समुदाय के लोग इस महीने में अल्लाह के बताए हुए रास्ते पर चल कर अमल करलें तो शायद इन लोगों को सारी मुसीबत व परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा। मुस्लिम समुदाय के लोग इस पवित्र रमजान के महीने का 30 रोजा रखकर ,अगले दिन में ईद का चांद होने पर,ईद की नमाज अदा करते हैं ,और ईद मुबारक के साथ,अपने इष्ट मित्र को सभी समुदाय के लोगों के साथ मिलकर, उनको मीठे पकवान ,सेवइयां का निमंत्रण देकर उन्हें मुंह मीठा कराते हैं ,और ईद की मुबारकबाद का गले मिलकर आदान प्रदान कर खुशियां मनाते हैं।

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