बेतिया संग्रहालय को विकसित कर जीवंत रूप देने एवं हजारों बरस पुराने ऐतिहासिक धरोहरों, ऐतिहासिक दस्तावेजों एवं दुर्लभ पांडुलिपियों को कंप्यूटराइज कर संरक्षित करने की सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन।
बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट।
बेतिया (पच्छिम चम्पारण)
अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर महर्षि वाल्मीकि ,महात्मा गौतम बुद्ध, गयासुद्दीन एवाज,महात्मा गांधी ,स्वतंत्रता सेनानियों एवं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षण प्रदान करने की मांग। आज 18 मई 2024को अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ0 एजाज अहमद अधिवक्ता , डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय , वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता नवीदु चतुर्वेदी, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ,मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा ,डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रुप से कहा कि प्रत्येक वर्ष 18 मई को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
यह संग्रहालयों के महत्व पर जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित दिन है।
संग्रहालयों को मानवता की विरासत के रूप में माना जाता है। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस इस विचार से अपना महत्व रखता है कि यह दुनिया भर के व्यक्तियों के बीच “सांस्कृतिक आदान-प्रदान, संस्कृतियों का संवर्धन और आपसी समझ, सहयोग और शांति के विकास” को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण साधन हैं। इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद , डॉ0 शाहनवाज अली ,डॉ0 सुरेश कुमार अग्रवाल , वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक एवं डॉ अमित कुमार लोहिया ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी स्वतंत्रता सेनानी से जुड़े ऐतिहासिक धरोहरों , बेतिया संग्रहालय को विकसित कर जीवंत रूप देने एवं ऐतिहासिक धरोहरों,ऐतिहासिक दस्तावेजों एवं दुर्लभ पांडुलिपियों को कंप्यूटराइज्ड कर संरक्षित करने की मांग सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से विगत कई वर्षों से की जा रही है। लगभग 40 वर्षों से सरकारी उदासीनता कारण नाम मात्र के सरकारी फाइलों में कैद है बेतिया संग्रहालय! इस अवसर पर चंपारण के 5000 वर्षों के ऐतिहासिक धरोहरो को कंप्यूटराइज्ड कर संरक्षण प्रदान करने की मांग करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सोमेश्वर पहाड़ी पर स्थित लगभग 5000 वर्ष पुराना ऐतिहासिक किलो, लगभग 5000 वर्ष दुर्लभ ऐतिहासिक शोफा मंदिर, सहोदरा स्थान ,रमपुरवा स्थित लगभग ढाई हजार वर्ष पुराना दुर्लभ अशोक स्तंभ, भितिहरवा गांधी संग्रहालय आश्रम, बेतिया का ऐतिहासिक हजारीमल धर्मशाला जहां महात्मा गांधी को सत्याग्रह के माध्यम से ईश्वर का दिव्य दर्शन प्राप्त हुआ था। ऐतिहासिक मीना बाजार ऐतिहासिक राज इंटर कॉलेज जहां 16 जुलाई 1917 एवं 17 जुलाई 1917 को 10000 से ज्यादा किसानों मजदूरों व्यापारियों एवं आम जन मानस द्वारा अंग्रेजों के अत्याचार एवं नील के अभिशाप से मुक्ति के लिए चंपारण जांच कमेटी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था। ऐतिहासिक काली बाग मंदिर एवं बेतिया राज के ऐतिहासिक धरोहरों को कंप्यूटराइज कर संरक्षण प्रदान करने की पुनः मांग की गए।