सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लौरिया में प्रसव कराने आई एक महिला को नर्स एवं डाक्टरों ने जन्मते मृत बच्चा जन्मने की डिस्चार्ज लेटर थमा उसे घर जाने को कहा।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लौरिया में प्रसव कराने आई एक महिला को नर्स एवं डाक्टरों ने जन्मते मृत बच्चा जन्मने की डिस्चार्ज लेटर थमा उसे घर जाने को कहा।

Bettiah Bihar West Champaran लौरिया

जांच में बच्चा पाया गया जिंदा।

यह अजीबोगरीब मामला समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लौंरिया में आया प्रकाश में।

लौरिया से राजा मिश्रा के सहयोग से बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट।

लौंरिया(पच्छिम चम्पारण)
जानकारी के अनुसार बीते चौबीस मार्च सोमवार को चौतरवा थाने के बसवरिया परसौनी गांव के वार्ड सात निवासी बहादुर बैठा की पत्नी ज्योती कुमारी अपनी पहले बच्चे के प्रसव कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लौरिया आई थी।चार बजे शाम को अस्पताल में उन्हें बच्चा नार्मल डिलीवरी से हुआ ।इस दौरान ड्यूटी पर तैनात नर्स एवं डाक्टरों ने उसे जन्मते मृत बच्चे की घोषणा करते हुए मरीज के परिजनों को पर्ची थमा डिस्चार्ज कर दिया।
अस्पताल से बाहर निकलते ही परिजनों ने बच्चों की जांच हेतु नगर पंचायत लौरिया के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।जहां बच्चा अभी इलाजरत है और चिकीतसको की मानें तो खतरे से बाहर है।
वहीं ड्युटी पर तैनात नर्स राधिका कुमारी ने बताया की बच्चा मृत पैदा हुआ था ।
वहीं ड्युटी पर तैनात चिकित्सक डा अफरोज ने बताया की मेडिकल स्टाफ एक साथ हस्ताक्षर कराने आते हैं बगैर जांच किए मैंने दस्तखत कर दिया।
वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा दिलीप कुमार ने बताया की मामला गंभीर है इस संबंध में जांच की जायेगी दोषी पाये जाने पर वरीय अधिकारी को सुचना दी जायेगी।
वहीं इस मामले को लेकर क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है।बगैर जांच के डाक्टर ने डिस्चार्ज पर्ची पर हस्ताक्षर कैसे किया।
वहीं बच्चा जब जीवीत है तो ड्युटी पर तैनात नर्स ने मृत घोषित क्यों किया।
इस संबंध में जदयू नेता मुन्ना सिंह ने बताया की लापरवाही का मामला है इस मामले की जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

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