वर्षों से फरार नक्सली एरिया कमांडर द्वारिका महतो गिरफ्तार।
रामनगर से रमेश ठाकुर के सहयोग से बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट।
रामनगर (पच्छिम चम्पारण)
पश्चिम चंपारण जिले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। वर्षों से फरार चल रहे वांछित नक्सली एरिया कमांडर द्वारिका महतो को पुलिस ने विशेष छापेमारी के दौरान गिरफ्तार कर लिया है।
यह कार्रवाई सहायक पुलिस अधीक्षक, रामनगर के नेतृत्व में गठित विशेष टीम द्वारा की गई, जिसमें गुप्त सूचना के आधार पर त्वरित और सटीक कार्रवाई करते हुए यह गिरफ्तारी सुनिश्चित की गई।
गिरफ्तार नक्सली की पहचान द्वारिका महतो उर्फ द्वारिका प्रसाद, उम्र 58 वर्ष, पिता- स्व. शीतल महतो, ग्राम सिंगरहवा दोन, थाना गोबरहिया, जिला पश्चिम चंपारण के रूप में हुई है।
यह गिरफ्तारी गोबरहिया थाना कांड संख्या-532/24 के तहत की गई है, जिसमें द्वारिका महतो वांछित चल रहा था।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार द्वारिका महतो का अपराधिक इतिहास काफी लंबा और गंभीर है। वह जिले के अंदर और बाहर कई जघन्य नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है।
*अपराधिक इतिहास – सात गंभीर मामले दर्ज*
1. गोबरहिया थाना कांड संख्या-27/2001
धारा – 17(2), सीएलए एक्ट
2. गोबरहिया थाना कांड संख्या-08/2005
धाराएं – आर्म्स एक्ट एवं विस्फोटक अधिनियम
3. गोबरहिया थाना कांड संख्या-21/1999
धारा – आर्म्स एक्ट
4. लौकरिया थाना कांड संख्या-16/2004
धारा – आर्म्स एक्ट
5. लौकरिया थाना कांड संख्या-19/2005
धारा – सीएलए एक्ट
6. गोवर्धना थाना कांड संख्या-20/2004
धाराएं – आर्म्स एक्ट एवं विस्फोटक अधिनियम
7. गोवर्धना थाना कांड संख्या-10/2003
धारा – आर्म्स एक्ट
*छापेमारी दल की सक्रिय भूमिका*
इस सफल गिरफ्तारी में कई पुलिस अधिकारियों और जवानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। छापेमारी दल में सम्मिलित अधिकारी निम्नलिखित थे:
एस.टी.एफ. प्रभारी – पु.अ.नि. विपिन कुमार, बगहा
थानाध्यक्ष, गोबरहिया – पु.अ.नि. रामानंद साह
सशस्त्र बल एवं अन्य पदाधिकारी – गोबरहिया थाना, बगहा।
यह कार्रवाई न केवल नक्सलवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश है, बल्कि यह पुलिस की सतर्कता, सूचना तंत्र की ताकत और अपराध नियंत्रण की दिशा में एक प्रभावशाली उपलब्धि भी है।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने जानकारी दी है कि अभियुक्त से आगे की पूछताछ जारी है और उसके नेटवर्क से जुड़े अन्य नक्सलियों की तलाश भी तेज़ कर दी गई है।
यह गिरफ्तारी जिले की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रही है और आने वाले दिनों में नक्सल गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश की उम्मीद जताई जा रही है।