कृषि विज्ञान केंद्र माधोपुर में केले के उपयोग के बाद बेकार सामग्री से. उपयोगी वस्तुओं के निर्माण के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण का किया गया शुभारंभ!

कृषि विज्ञान केंद्र माधोपुर में केले के उपयोग के बाद बेकार सामग्री से. उपयोगी वस्तुओं के निर्माण के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण का किया गया शुभारंभ!

Bettiah Bihar West Champaran

न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान,

बेतिया! मझौलिया प्रखंड स्थित कृषि विज्ञान केंद्र माधोपुर प्रशिक्षण सभागार भवन में केले के अवशेष से उपयोगी वस्तुओं के निर्माण के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया।

इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षक सह विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर शिशिर कुमार गंगवार डॉ रीता देवी यादव ने प्रशिक्षणार्थियों को इस प्रशिक्षण के उद्देश्य के विस्तृत जानकारी दी उन्होंने बताया कि केले के अवशेष को हम लोग सदुपयोग कर जीवन उपयोगी वस्तुओं का निर्माण कर अपनी आय को दुगुनी कर सकते हैं।

विश्व के केला उत्पादन का एक तिहाई उत्पादन अकेले भारत में होता है प्रति वर्ष 5 लाख टन केला के तना को फेंक दिया जाता है। फेंके हुए तना को उचित प्रबंधन कर स्युडोस्टेम कर व्यवस्थित करें केले के पेड़ से कागज रस्सी हैंडीक्राफ्ट कपड़ा खाद राखी बैग टोपी आदि समेत अन्य घरेलू सामग्रियों काउत्पादन किया जा सकता है।

कपड़ा और कागज के लिए बड़े एक करखाना की आवश्यकता पड़ेगा। इस प्रशिक्षण में 35 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है इस मौके पर डॉ धीर कुमार तिवारी डॉक्टर शुभाशीष फरहाज आदि उपस्थित थे।

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