संभावित बाढ़ एवं कटाव से निपटने हेतु सभी तैयारियां रखें अपडेट : जिलाधिकारी।

संभावित बाढ़ एवं कटाव से निपटने हेतु सभी तैयारियां रखें अपडेट : जिलाधिकारी।

Bettiah Bihar West Champaran मझौलिया लौरिया

न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान,

बेतिया। वर्ष 2022 में संभावित बाढ़ से निपटने हेतु की जा रही तैयारियों की समीक्षा आज जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार द्वारा समाहरणालय सभाकक्ष में की गयी। जिलाधिकारी ने कहा कि नेपाल में बहुत कम समय में बहुत अधिक मात्रा में वर्षापात एवं गंडक नदी में वाल्मीकिनगर बराज से काफी अधिक मात्रा में पानी छोड़ने आदि को लेकर जिले में बाढ़ की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। संभावित बाढ़ एवं कटाव से निपटने के लिए सभी तैयारियां ससमय कर लेनी है ताकि जान-माल की सुरक्षा की जा सके।
जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि सम्पूर्ति पोर्टल पर डाटा अपडेशन कार्य करना अतिआवश्यक है। सम्पूर्ति पोर्टल से बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों का डाटा का प्रिन्ट आउट निकाल क्रॉस चेक करें। ग्राम सभा का आयोजन करते हुए पंचायतस्तरीय एवं प्रखंडस्तरीय अनुश्रवण समिति से पारित कराना सुनिश्चित करें ताकि वास्तविक बाढ़ प्रभावितों को सरकारी सहायता पहुंचायी जा सके। उन्होंने निदेश दिया कि यह कार्य बेहद ही महत्वपूर्ण है। इस कार्य को एक सप्ताह के अंदर सभी अंचलाधिकारी कराना सुनिश्चित करेंगे। सभी एसडीएम उक्त कार्य का लगातार अनुश्रवण करेंगे एवं ससमय कराना सुनिश्चित करेंगे।

उन्होंने निदेश दिया कि सभी एसडीएम संबंधित कार्यपालक अभियंता के साथ संयुक्त रूप से तटबंधों का निरीक्षण करेंगे। अगर किसी तटबंध की मरम्मति की आवश्यकता है तो तुरंत प्रतिवेदित करते हुए मरम्मति कार्य सम्पन्न करायेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ शरण स्थल को पूरी तरह से फंक्शनल रखा जाय ताकि विषम परिस्थिति में उपयोग में लाया जा सके। उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों को निदेशित किया कि कार्यपालक अभियंता से समन्वय स्थापित कर बाढ़ शरण स्थल को हैंडओवर कर लेंगे तथा अच्छे तरीके से जांच-पड़ताल कर लेंगे कि बाढ़ शरण स्थल पूरी तरह से तैयार है या नहीं।

जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि नाविकों एवं नाव मालिकों की सूची अद्यतन रखी जाय। नाविकों, मालिकों का नाम, मोबाईल नंबर आदि सूचिबद्ध किया जाय। नावों का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। परिचालन की स्थिति में लॉगबुक का संधारण किया जाय। संभावित प्रभावित स्थलों पर नाव, नाविकों की प्रतिनियुक्ति की जाय तथा उक्त कार्य की समुचित मॉनिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि नाव दुर्घटनाओं से बचाव हेतु सभी अंचलाधिकारी कारगर उपाय करेंगे।

उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी एसओपी के तहत सभी एसडीएम एवं अंचलाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत सभी तैयारी अपडेट रखेंगे। एक-एक चीज की तैयारी ससमय करा लें। इसके तहत वर्षा मापक यंत्र, संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र एवं संकटग्रस्त व्यक्ति समूहों की पहचान, तटबंधों की सुरक्षा, सूचना व्यवस्था, चना, सतू, चुड़ज्ञ, नमक, खाद्य पदार्थ की व्यवस्था, पॉलिथिन शिट्स, बाढ़ शरण स्थल, सामुदायिक रसोई, मानव दवा की व्यवस्था, मोबाईल मेडिकल टीम और मेडिकल कैंप, पशु चारा और पशु दवा की व्यवस्था, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, जेनरेटर, पेट्रोमेक्स, महाजाल की व्यवस्था, सड़कों की मरम्मति, नाव, मोटरबोट, लाइफ जैकेट की व्यवस्था, नोडल पदाधिकारी, जिला टास्क फोर्स, जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र-सह-नियंत्रण कक्ष, गोताखोरों का प्रशिक्षण, समुदाय का प्रशिक्षण, राहत और बचाव दल का गठन, तैयारियों का अभ्यास, बाढ़ प्रभावित परिवारों की सूची का अद्यतीकरण, आकस्मि फसल योजना का सूत्रण आदि पर ससमय कार्य पूर्ण करा लेना है।

उन्होंने कहा कि कम्यूनिकेशन प्लान अच्छे तरीके से तैयार करें। उन्होंने कहा कि बुकलेट के रूप में जिलास्तर पर एक कम्यूनिकेशन प्लान बनाकर सभी संबंधित अधिकारियों को उपलब्ध कराया जाय। साथ ही सभी अंचलाधिकारी अपने प्रचार तंत्र को स्ट्रांग रखेंगे ताकि ज्यादा पानी डिस्चार्ज होने पर लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया जा सके।

उन्होंने निदेश दिया कि सामुदायिक रसोई घर के संचालन हेतु सभी तैयारियां अपडेट रखी जाय ताकि आवश्यकता पड़ने पर इनका उपयोग किया जा सके। सिविल सर्जन संभावित बाढ़ के मद्देनजर बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई घर सहित बांधों अथवा उंचे स्थानों पर रहने वाले व्यक्तियों के लिए समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। जिला पशुपालन पदाधिकारी पशुओं के लिए पर्याप्त चारा एवं मेडिसिन की समुचित व्यवस्था करेंगे।

जिलाधिकारी ने कहा कि संभावित बाढ़ क्षेत्रों में एसडीओ, बीडीओ, सीओ संबंधित कार्यपालक अभियंता के माध्यम से फ्लड फाईटिंग मेटेरियल डिसेन्ट्रलाइज तरीके से स्टॉक कराना सुनिश्चित करेंगे ताकि आवश्यकता पड़ने पर त्वरित गति से सुरक्षात्मक कार्य कराया जा सके। कार्य अभियंता प्रेशर प्वाइंट पर किस संवेदक को कार्य पर लगाये हैं, उनका नाम, मोबाईल नंबर आदि रखेंगे। उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों का लगातार अनुश्रवण एवं निरीक्षण करेंगे।

उन्होंने कहा कि जेसीबी, टै्रक्टर, क्रेन मालिकों की लिस्टिंग कर ली जाय। टै्रक्टर पर फ्लड लाईट्स, जेनरेटर सहित अन्य आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता होनी चाहिए। साथ ही डिसेन्ट्रलाइज तरीके से गोताखोरों की भी प्रतिनियुक्ति की जाय। एसडीआरएफ की पूरी टीम आवश्यक संसाधनों के साथ हमेशा मुस्तैद रहेगी।

समीक्षा के क्रम में संबंधित एसडीएम एवं अंचलाधिकारी द्वारा बताया गया कि सिकटा प्रखंड के नरकटिया गांव में, नरकटियागंज के कुंडिलपुर गांव में, लौरिया के तेलपुर गांव में, बगहा-01 के रायबारी महुअवा, चमटिया बड़गांवां, चम्पापुर दोन, भावल के समीप दोन कैनाल, पिपरासी के श्रीपतनगर आदि जगहों पर बांध निर्माण, मरम्मति आदि सुरक्षात्मक कार्य कराना आवश्यक है। जिलाधिकारी ने संबंधित कार्यपालक अभियंताओं को निदेश दिया कि अविलंब उक्त स्थलों का स्थलीय निरीक्षण करें तथा तुरंत एंटीरोजन कार्य कराना सुनिश्चित करें।

जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि सतू, गुड़, चूड़ा, मोमबती, दियासलाई एवं रेडिमेड फूड, जलपान भोजन आदि की व्यवस्था हेतु निविदा प्रकाशित कर दर निर्धारित कर दिया गया है। पशु चारा की व्यवस्था हेतु निविदा प्रकाशित कर दी गयी है। इस जिले में कुल 16400 पॉलीथिन शीट्स वेयर हाउस में सुरक्षित रखा गया है। 150 टेन्ट एवं 98 लाइफ जैकेट उपलब्ध है। साथ ही 113 प्रशिक्षित गोताखोर, 190 चिन्हित शरण स्थल, 141 खोज बचाव एवं राहत दलों की संख्या है।

उन्होंने बताया कि आपातकालीन संचालन केन्द्र पूर्णरूपेण 24×7 कार्यरत है। जिसका संपर्क नंबर-06254-247002, फैक्स संख्या-06254-247003 तथा ईमेल आईडी disastermgmtbettiah@gmail.com है।

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार, जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी, श्री अनिल राय, एसडीएम, बेतिया, श्री विनोद कुमार आदि जिलास्तरीय पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता उपस्थित रहे। साथ ही सभी सभी एसडीएम, बीडीओ, सीओ आदि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे।

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