आवास के अभाव में अंचलकर्मियो की लेटलतीफी, सरकारी कामों के निष्पादन में हो रही है परेशानी
न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान,
सिकटा( पश्चिमी चंपारण)
दूसरे के जमीनी विवाद को सुलझाने वाले अंचलाधिकारी खुद शरणार्थी की तरह अपना बसेरा बनाये हुए है।कृषि विभाग के भवन में अपना डेरा डाले सीओ अपने लिए आवास का बाट जोह रहे है।अब आलम यह है कि कृषि विभाग भी अपने कर्मियों के लिए उनसे आवास खाली करवा सकता है।कारण कि अब सिकटा मुख्यालय स्थित ई किसान भवन में कृषि विभाग अपने सभी ऑफिस को खोलने की योजना बना चुका है।इसमें किसानों के मिट्टी जांच समेत कई अन्य योजना शामिल है।इसके लिए कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक भवन का निरीक्षण भी कर चुके है। प्रखंड व अंचल मुख्यालय पर भूमि के वावजूद भी अंचलकर्मियो के लिए आवास का निर्माण नही होना चर्चा का विषय बना हुआ है।
वर्तमान परिवेश में राजनीतिक गतिरोध का शिकार हो गया है सीओ आवास योजना।इसके चलते अंचल के कार्यो के निष्पादन में देरी हो रही है।इसका मुख्य कारण अंचलकर्मियो के लिए रहने का समुचित व्यवस्था नही होना बताया जा रहा है।मिली जानकारी के अनुसार अंचल परिक्षेत्र में अंचलकर्मियो के रहने का व्यवस्था नही रहने से कर्मी अनुमंडल या जिलामुख्यालय में अपना आशियाना सजाए हुए है।जिससे वे अपना बहुमूल्य समय अवाम के कार्यो के निष्पादन में नही दे पा रहे है।एक तरफ सरकार एक मिशन के तहत आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत लोगो को घर पर ही सभी संसाधन मुहैया कराने की दावे कर रही है।इसपर तेजी से काम भी हो रहा है।लेकिन अंचलकर्मियो के रहने की उचित बंदोबस्त नही की जा रही है। जिससे यहाँ पर सरकारी दावे झूठे साबित हो रहे है।
विभाग ससमय कार्यो को पूरा करने का टारगेट फिक्स करती है।लेकिनआवास के अभाव में कर्मी बाहर रहते है।आलम यह है वर्षों पूर्व बने सरकारी आवास जर्जर स्थिति में है।इसमे रहने का मतलब मौत को निमंत्रण देने के बराबर है।यहाँ तक कि अंचलाधिकारी भी दूसरे भवन में शरण लेकर दिन काट रहे है।उनका आवास भी नही है।वे ई किसान भवन में सहारा लेकर अंचल का कार्यभार संभाल रहे हैं।हालांकि इस सम्बंध में पूछे जाने पर सीओ मनीष कुमार ने बताया कि आवास निर्माण के लिए प्रोपोजल भेजा गया है।कब तक आवास का निर्माण होगा कहा नही जा सकता है।उधर प्रखंड प्रमुख उत्कर्ष कुमार श्रीवास्तव उर्फ मणि भाई ने बताया कि जब मैं वर्ष 2016 में समिति सदस्य निर्वाचित हुआ था तो पहला मांग मेरा अंचलकर्मियो के लिए आवास निर्माण का ही था।लेकिन तकनीकी कमी के कारण आवास का निर्माण नही हुआ।अब नए सिरे से इस पर पहल की जा रही है।
बताते चले कि बरसात के दिनों में पूरा प्रखंड और अंचल कार्यालय बाढ़ की चपेट में रहता है।बाढ़ के कारण कई जरूरी कागजात भी नष्ट हो जाते है।वावजूद इसके अंचलकर्मियो के लिए आवास निर्माण योजना में राजनीति चल रही है।अगर कृषि विभाग अपना कार्य योजना शुरू करती है तो सीओ को ई किसान भवन से अपना आशियाना खाली कर खानाबदोश की तरह शरणार्थी बन रहना पड़ेगा।