काम में अपाहिज होने के बाद नहीं मिला मजदुरी।और न इलाज हेतु मुआवजा।

काम में अपाहिज होने के बाद नहीं मिला मजदुरी।और न इलाज हेतु मुआवजा।

Bettiah Bihar West Champaran लौरिया

पीड़ित युवक ने आरक्षी अधीक्षक बेतिया को लगाई न्याय की गुहार।

लॉक डाउन में पैर गंवाकर 27 वर्षीय अविवाहित युवक लाचार होकर बैठा। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में हआ था हादसा।

मजदुरी  भी नहीं दिया भेजा घर वापस!

न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान,

लौरिया( पश्चिमी चंपारण) जानकारी के अनुसार लौरिया.  प्रखंड के  कटैया पंचायत के फुलवरिया निवासी नवल किशोर सिंह के 27 वर्षीय पुत्र हरिकेश कुमार सिंह  को गांव के ही ठीकदर ने मजदुरी कराने हेतु आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एमजी फीड कंपनी में काम कराने ले गया था।

एमजी फीड मजदूर का काम कर रहे हरिकेश सिंह का पैर फिसल गया जिससे इसका बयां पैर फैक्चर हो गया जिससे वह चल फिर नही सकता तथा वह अपाहिज हो गया।घटना 4 सितम्बर 2021 दिन रविवार की है। इसके पैर में रॉड लगा हुआ है, जिससे वह चल फिर नही सकता तथा अपने कंधे पर बोझ नही उठा सकता। काम कराने के लिए गांव का ही ठेकेदार चन्दर प्रसाद अपने साथ विजयवाड़ा ले गया जहाँ हादसे का शिकार हो गया। अपाहिज होने के बाद  आनन-फानन में कंपनी दवा वैगरह कराकर पुनः हरिकेश को स्वप्रदेश भेज दिया।

यह कहकर की तुम घर जाओ, तुम्हारे इलाज में जो भी पैसा खर्च होगा वह सारा पैसा कंपनी के ठेकेदार बेयर करेगी। जब से हरिकेश अपने घर कटैया के फुलवरिया आया है, उसे अब तक बकाया मजदूरी तथा ईलाज कराने हेतु प एक भी पैसा
ठेकेदार चन्दर प्रसाद द्वारा नहीं दिया गया है लौरिया  अब हरिकेश विकलांग हो गया है। । इधर पीड़ित हरिकेश कुमार ने आरक्षी अधीक्षक बेतिया को लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाया है, ताकि कम्पनी का ठेकेदार उसके इलाज में मदद कर सके।

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