ऊंची दुकान फीका पकवान साबित हो रहा है गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल बेतिया।

ऊंची दुकान फीका पकवान साबित हो रहा है गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल बेतिया।

Bihar West Champaran

बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट!

बतिया( पश्चिमी चंपारण)

बेतिया राज‌ की रियासत के अंतिम वारिस महारानी जानकी कुअंर जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज एवं हास्पिटल में अपग्रेड किये जाने से जिला के लोगों में खुशी के लहर का ठिकाना नहीं रहा, जिला के लोगों को लगा कि अब पटना, गोरखपुर, बनारस, लखनऊ, के चक्कर लगाने से छुटकारा मिल जायेगा, इस मेडिकल कॉलेज एण्ड अस्पताल के लिए अरबों रुपये खर्च कर बडे़ बडे़ बिल्डिंग वार्ड तैयार किया गया और आज भी निर्माण कार्य चल रहा है, यहाँ तक की बेतिया रियासत के अंतिम वारिस महारानी जानकी कुअंर का नाम भी विलोपित कर दिया गया और इसका नामकरण किया गया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल बेतिया लेकिन अब जिला के लोगों की आशा निराशा में बदल गई है, यह मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल आये दिन अपने कारनामे के कारण सुर्खियों में रह रहा है, सबसे पहले तो जी एम सी एच बेतिया एक मात्र मरीजों का रेफर सेन्टर बन गया है, मरीज यदि थोड़ा भी गंभीर हैं तो पी एच सी, एडिशनल पी एच सी के तर्ज पर जी एम सी एच से शीघ्र उसे पटना रेफर कर अपना जिम्मेदारी छुड़ा लिया जाता, रोस्टर के हिसाब से डाक्टरों को डियुटी नहीं करने से रोज बरोज हंगामा हो हल्ला होते रहता और मरीजों को अपनी जान गंवानी पडती, सिनियर डाक्टर अपने निजी क्लिनिक एवं परैक्टिस में व्यस्त रहते और इतना बड़ा मेडिकल कॉलेज नौसिखुआ डाक्टरों के भरोसे छोड़ दिया जाता, आये दिन पानी की किल्लत, बिजली की किल्लत, शौचालय की साफ सफाई के किल्लत से मरीजों एवं उनके परिजनों को जुझना तो पड़ता हैं, सात आठ मांह से इस मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल का जेनरिक दवा का दुकान बंद रहने से परिजनों को बाहर से दवा खरीदने के लिए विवश होना पड रहा है,
अब तो कुछ दिनों से स्थित इस कदर खराब हो गई है कि मरीजों के परिजनों को निजी सुरक्षा गार्ड के डंडे का कोपभाजन बनना पड़ रहा है, मरीजों का सही से इलाज नहीं होने और परिजनों द्वारा सही और समय से उचित इलाज के लिए आवाज उठाने पर निजी सुरक्षा गार्ड उनके उपर लाठियां चटका रहे हैं और हमेसा परिजनों एवं निजी सुरक्षा गार्डो के बीच मार पीट के समाचार उजागर हो रहें हैं,
मरीजों के परिजन स्टैचर की मांग कर दे, खराब लिफ्ट की चर्चा कर दे, किस डाक्टर की डियुटी है पूछ दे तो उन्हें सुविधा देने के बजाय निजी सुरक्षा गार्ड के लाठियों की सुविधा मुहैया कराई जा रही है,
इस मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल की कमियों एवं असुविधाओं की खबर जिला के कुछ पत्रकारों द्वारा समय समय पर उठाया जाता रहा और जिला प्रशासन इस पर संज्ञान भी लेता रहा, कई बार जिला पदाधिकारी श्री दिनेश कुमार राय को मरीजों की सुविधा के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा और मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल में स्वंय जाकर स्थित का जायजा लेना पडा़, इससे घबड़ा कर मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल प्रशासन मरीजों एवं परिजनों के हित में सवाल उठाने वाले पत्रकारों को ही फर्जी पत्रकार का करार देते हुए मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल में प्रवेश वर्जित कर दिया, मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल में सिर्फ और सिर्फ उन्हीं पत्रकारों को प्रवेश की इजाजत दी गई जिनके परिवार के सदस्य इस मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल में सेवा दे रहे हैं, मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल प्रशासन के इस अलोकतांत्रिक कदम से जहाँ एक तरफ मरीजों एवं परिजनों के दर्द व्या करने वाले पत्रकारों को रोष व्याप्त है वही गरीब, असहाय दूर देहात से आने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों का संकट बढ़ गया है
गौरतलब तो यह है कि बेतिया सांसद डाक्टर संजय जायसवाल का निजी निवास इस मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल से चंद कदम की दूरी पर है, बेतिया विधायक रेणु देवी भी बेतिया में ही रहती जो उप मुख्यमंत्री भी रह चुकी है लेकिन अपना राजनीतिक रोटी सेकने के सिवाय इन जनप्रतिनिधियों को इस मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल की सुधी लेने का फुर्सत नहीं है, आज इस मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल को सफेद हाथी बनते देख जिला की जनता का बेहतर इलाज का भरोसा समाप्त होते जा रहा है, मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल दलालों का अड्डा बन कर रह गया है, और मरीजों तथा परिजनों का शोषण दोहन एक मात्र धंधा बन गया है, कई समाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल की कुव्यवस्था पर प्रश्न खड़ा किये जाते रहे लेकिन परिणाम शून्य रहा, यहाँ तक कि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव जी बेतिया दौरे पर आये तो उन्होंने भी इस मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल का दौरा करना उचित नहीं समझा, जिला के प्रभारी मंत्री जब भी जिला में दौरा पर आते तो इस मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल का जायजा लेना उचित नहीं समझते
यही कारण है कि चम्पारण के मरीज एवं उनके परिजन बेहतर इलाज के लिए फिर से गोरखपुर, बनारस, लखनऊ, पटना की ओर रुख करने लगे हैं, बेतिया मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल की स्थिति ऊची दुकान फींकी पकवान जैसा हो गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *