मोतिहारी: देश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट जेएन-1 का खतरा बढ़ गया है। इस बीच बिहार में कई अस्पतालों की हालत खराब है। कुछ जगहों पर कोरोना टेस्टिंग की व्यवस्था ही नहीं है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कोरोना के नए वैरिएंट के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग कैसे लड़ेगा। समस्तीपुर जिले में न तो कोरोना का कोई टीका है और ना ही कोविड टेस्ट के लिए एंटीजन किट मौजूद है।
हालांकि, आरटीपीसीआर से कोरोना जांच हो रही है, लेकिन इसकी संख्या सीमित है। ऑक्सीजन प्लांट महीनों से बंद पड़ा है। मोतिहारी में भी कमोबेश यही हाल है। बता दें कि केंद्र सरकार ने कोरोना के नए वैरिएंट जेएन-1 को लेकर सभी प्रदेशों को अलर्ट किया है। सीएस डॉ. एसके चौधरी ने मंगलवार को बताया कि कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर अभी गाइडलाइन नहीं मिली है। अगर ऐसा कुछ भी आता है तो तत्काल इसकी तैयारी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि कोरोना का टीका उपलब्ध नहीं होने के कारण टीकाकरण कार्य बंद है। जिले में एंटीजन किट की सुविधा के लिए प्रयास किया जा रहा है। कोरोना के लिए आरटीपीसीआर जांच जारी है। लक्षणों के संबंध में सीएस ने बताया कि गाइडलाइन आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
आरक्षित वार्डों में है सामान्य मरीज
कोरोना के लिए समस्तीपुर सदर अस्पताल में कोई स्पेशल वार्ड का निर्माण नहीं कराया गया था। पूर्व से निर्धारित महिला वार्ड को ही आरक्षित किया गया था। कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद फिर से उसमें महिला वार्ड संचालन किया जा रहा है।सदर अस्पताल के अलावा समस्तीपुर स्टेशन एवं सभी अनुमंडलीय अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी में कोरोना जांच के लिए सैंपल लेने की सुविधा उपलब्ध है। जिसका जांच सदर अस्प्ताल के आरटीपीसीआर लैब में किया जाता है। प्रत्येक दिन औसतन 60 से 70 लोगों का सैंपल लिया जा रहा है। वहीं एंटीजन किट की सप्लाई नहीं हो रही है।
बंद पड़ा अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट
कोविड काल में समस्तीपुर सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया था। मगर पिछले कई महीनों से यह बंद है। इस प्लांट से समुचित तरीके से एक भी दिन ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं की गई है। प्यूरिटी की खराबी के कारण पिछले सात-आठ महीनों से प्लांट पूरी तरह बंद है। नतीजनत ऑक्सीन सिलेंडर एवं ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की मदद से मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई जा रही है।
मोतिहारी में कोरोना वार्ड तैयार, दोनों ऑक्सीजन प्लांट बंद
कोरोना के लिए मोतिहारी सदर अस्पताल में 74 बेड का अलग से वार्ड बना हुआ है। वार्ड का भवन भी तैयार है और बेड भी लगा हुआ है। सभी बेड पर ऑक्सीजन का पाइप भी लगा हुआ है। मगर इस वार्ड का पाइप लाइन ऑक्सीजन प्लांट से नहीं जोड़ा गया है क्योंकि ऑक्सीजन प्लांट महीनो से खराब पड़ा है। साथ ही यह भवन अभी तक सदर अस्पताल को हैंडओवर नहीं किया गया है। ऑक्सीजन प्लांट सदर अस्पताल परिसर में दो हैं। मगर महीनों से दोनो प्लांट बंद हैं। नतीजतन सदर अस्पताल से लेकर अन्य वार्ड में ऑक्सीजन सिलेंडर से काम चलाया जा रहा है।
28 लाख लोगों को नहीं दी मिली प्रिकॉशन डोज
विभागीय सूत्रों के अनुसार जिला में अभी भी करीब 28 लाख से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज नहीं पड़ा है तो करीब 31 हजार लोगों को दूसरा टीका नहीं लगा है। जून के बाद से कोरोना के टीका देने के लिए वायल नहीं आया है। जब तक स्टॉक में था लोग अपील करने के बाद भी टीका लेने नहीं आए। नतीजतन बहुत वायल की अवधि समाप्त होने पर विभाग को लौटा दिया गया है।