बैरिया से अजहर आलम के सहयोग से बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट।
बैरिया (पश्चिमी चंपारण)
प्रखंड क्षेत्र में एक ऐसा दिव्या मंदिर जहां विदेश से भी पूजा करने के लिए श्रद्धालु भक्त आते हैं। यह मंदिर जिला मुख्यालय बेतिया से 15 किलोमीटर दुर पश्चिम स्थित बैरिया अंचल क्षेत्र के पटजीरवा में स्थित है। मंदिर के मानता यह है। कि इस स्थान पर भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम माता जानकी के साथ यहां पर आए थे। बताया जाता है। की उनकी डोली माता जानकी के डोली का पट यहीं पर खुला इसके वजह से इसका नाम पटजीरवा पड़ा मंदिर के पुजारी लाल बाबू मिश्रा ने बताया कि पूजा करने के लिए नेपाल,सऊदी अरब,झारखंड,बंगाल,कोलकाता उत्तर,प्रदेश सहित अन्य राज्यों से भी यहां पर श्रद्धालु भक्त आते हैं। मान्यताएं हैं कि सच्चे मन से मांगी गई मुरादे पूरी होती है। वहीं उन्होंने बताया कि यहां पर चैत्र मास के नवमी तीथी के दिन मेला भी लगता है जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु भक्त फल ,फुल, नारियल, चुनरी मिठाई ,हलवा ,पुडी, चन्ना, गुड, खिर भोजन भी मां को चढाया जाता है। बताया जाता है। कि यहां पर पशु बाली भी दी जाती है। माता के दाहिने स्थिति माता सम्मे,माता बिधिन,माता काली बिराजमान है। ठीक सामने महाबली हनुमान व शिव शंकर भगवान की शिवलिंग स्थापित है। बगल में सिद्धिविनायक श्री गणेश जी का मुर्ति स्थापित है। मंदिर के उत्तर माता पार्वती व नर्मदेश्वर महादेव का मंदिर स्थापित है। पुजारी ने बताया कि यहां पर श्रद्धालु भक्त अपने दुख लेकर रोते हुए आते हैं और माता की आशीर्वाद से यहां से हंसते हुए जाते हैं। अगर आप भी वीडियो को विश्व के किसी भी कोने से देख रहे हैं। तो एक बार जरूर इस दिव्य स्थान पर आए और माता के आशीर्वाद प्राप्त करें।
बताया जाता है कि यहां पर पहले जंगल था जंगल के बीचो-बिछीरवा देवी का स्थान था और यहां पर राजा महाराजा भी पूजा करने के लिए आते हैं जानकारी के अनुसार बिटिया के महारानी जानकी कुमार व राजा हरेंद्र किशोर भी यहां पर पूजा करने आते थे उनसे पहले भी कितना राजा हुए सभी राजा यहां पर पूजा करने आते थे यह स्थान ठीक गंडक नदी के किनारे अपने आप एक अनुपम दृश्य का शोभा बढ़ती हुई नजर आती है।