पटना: जी हां कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉक डाउन पर सख्ती लगा दी गई है। इतना ही नहीं अब अगर लॉक डाउन टूटा तो बिहार के मुखिया जी और पार्षद इसके लिए जवाबदेह होंगे। जिम्मेदारी उनकी होगी कि संबंधित पंचायत में लॉक डाउन किसी भी कीमत पर नहीं टूटे। नियमित रूप से पार्षद और मुखिया को यह जिम्मेदारी लेनी होगी और मानिटरिंग कर प्रशासन को जानकारी देनी होगी।
मुखिया जी लॉक डाउन टूटा तो समझ लीजिये….
सरकार ने स्पष्ट कह दिया है कि गांव के भीतर अगर लॉक डाउन टूटा तो संबंधित पंचायत का मुखिया इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार माना जाएगा ।इतना ही नहीं मुखिया के साथ-साथ वार्ड पार्षदों की यह भी यह जिम्मेदारी होगी कि नियमित रूप से लॉक डाउन को लागू करवाने में सहयोग करें। ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो, और कोरोना संक्रमण से लोग बच सकें। हां इतना भी जरूर है अगर लॉक डाउन को लागू करवाने में मुखिया को लगता है कि स्थानीय प्रशासन की सहायता की जरूरत है तो वह सहयोग ले सकते हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों के डीएम एसपी को कहा है कि लॉक डाउन का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर कोई लॉक डाउन का उल्लंघन करता है तो उस पर सीधी कार्रवाई करें।अगर डीएम और एसपी को लगता है तो वह मुकदमा कर गिरफ्तारी करने से भी नहीं हिचके।
लगातार यह खबर मिल रही थी स्थानीय बाजारों में लोग शाम और सुबह सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल बिलकुल नहीं रख रहे हैं। खासकर उन इलाकों में जहां परदेस में रहने वाले लोग लॉक डाउन के बाद घर वापस लौटे हैं। इसे देखते हुए अब सरकार ने मुखिया और पंचायत के वार्ड पार्षदों को लॉक डाउन की जिम्मेदारी दे दी है।