नहरों के अंतिम छोर तक जल पहुंचाना अभियंताओं की जिम्मेदारी: विजय कुमार चौधरी
“राज्य के किसानों को सुलभ व प्रभावी सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना विभाग का मूल दायित्व” जल संसाधन मंत्री
सिवान प्रक्षेत्र की योजनाओं पर हुई समीक्षा
जल संसाधन विभाग के माननीय मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में आज विभागीय सभा कक्ष, पटना में सिंचाई प्रक्षेत्रों से संबंधित राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का शुभारंभ मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी एवं प्रधान सचिव श्री संतोष कुमार मल्ल द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। तत्पश्चात वाल्मी शासी पर्षद के परामर्शी अध्यक्ष श्री ईश्वर चंद्र ठाकुर ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया।
बैठक में विभाग के विभिन्न सिंचाई योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति, नहरों में जलापूर्ति की स्थिति, भू-अर्जन से संबंधित लंबित मामलों, तथा प्रगति यात्राओं की समीक्षा की गई। मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि आमने-सामने की बैठक से संवाद अधिक प्रभावी होता है और इससे ज़मीनी समस्याओं की वास्तविक पहचान संभव हो पाती है। उन्होंने कहा कि ऐसी बैठकों से कार्यों की गति और गुणवत्ता दोनों में सुधार होगा।
मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि नहरों का जल हर खेत तक अविरल पहुँचे, यह अभियंताओं की प्राथमिक जिम्मेदारी है। आगामी सिंचाई मौसम से पूर्व सभी स्थल निरीक्षण गंभीरता से पूर्ण किए जाएं और किसी भी प्रकार की लापरवाही पर व्यक्तिगत जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने कार्यों में कोताही बरतने वाले संवेदकों पर सख्त कार्रवाई तथा गुणवत्ता में समझौता करने वालों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया।
प्रधान सचिव श्री मल्ल ने बताया कि राज्य में अब तक 37 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता सृजित की जा चुकी है, जिसे पूर्णतः क्रियान्वित करना विभाग का प्रमुख लक्ष्य है। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी योजनाएं समयबद्ध रूप से पूरी हों और उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी क्षेत्र में नहर के बांध टूटने तथा क्षेत्र में जलप्लावन होने की स्थिति उत्पन्न होती हैं तो संबंधित ईई, एई, जेई के अलावा मुख्य अभियंता के विरुद्ध भी जिम्मेदारी निर्धारण कर अनुशासनिक एवं विभागीय कार्रवाई की जाएगी।बैठक के प्रथम सत्र में सिवान प्रक्षेत्र की योजनाओं की बिंदुवार समीक्षा की गई, जिनमें पश्चिमी गंडक नहर प्रणाली का पुनर्स्थापन, सारण मुख्य नहर (किमी 0.00 से 17.00 तक) का लाईनिंग कार्य, एवं इनलेट संरचना निर्माण जैसी योजनाएं प्रमुख थीं। मंत्री जी ने इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को स्थल निरीक्षण करने का निर्देश दिया।
बैठक का समापन सलाहकार, नीतिगत मामले श्री रविंद्र कुमार शंकर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर पर विभाग के अपर सचिव श्री नवीन, श्री पवन कुमार सिन्हा, अभियंता प्रमुख (मुख्यालय) श्री शरद कुमार, अभियंता प्रमुख (सिंचाई सृजन) श्री अवधेश कुमार, मुख्य अभियंता (योजना एवं मॉनिटरिंग) श्री ब्रजेश मोहन सहित संबंधित प्रक्षेत्रों के मुख्य अभियंता एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।