नल-जल कार्य कोताही करने वाले विभिन्न पंचायतों के मुखिया, वार्ड सदस्य पर एफआईआर दर्ज कराई जायेगी।
अनियमितता एवं लापरवाही करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध की जायेगी सख्त कार्रवाई: जिलाधिकारी।
ब्यूरो रिपोर्ट, बेतियाः मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजनान्तर्गत ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना अत्यंत ही महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना का उदेश्य समाज के प्रत्येक वर्ग के नागरिक को स्वच्छ पेयजल देकर गरीमापूर्ण जीवन से आच्छादित करना है। इस अति महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की अनियमितता, लापरवाही एवं कोताही बरतने वाले व्यक्तियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जायेगा। इनके विरूद्ध विधिसम्मत सख्त कार्रवाई की जायेगी। जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिले में क्रियान्वित नल-जल योजना की समीक्षा कर रहे थे।
समीक्षा के क्रम में उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर क्रियान्वित योजनाओं की जिलास्तर से दल का गठन करते हुए वृहत रूप से जांच करायी गयी तथा प्रतिवेदन के आलोक में विभिन्न कार्रवाई की गयी है। इसके बावजूद कई जगहों से गैर मानक सामग्री का प्रयोग, ठेकेदारी/बिचैलियों के माध्यम से योजनाओं का क्रियान्वयन, कमजोर गुणवता आदि अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हो रही है।
जिलाधिकारी द्वारा आज लौरिया प्रख्ंाड के सिंहपुर सतवरिया पंचायत के वार्ड संख्या-04 एवं 10, नरकटियागंज प्रखंड के गोखुला पंचायत के वार्ड नंबर-01 एवं शिकारपुर पंचायत के वार्ड नंबर-01 में नल जल योजना का कार्य प्रारंभ नहीं होने के कारण संबंधित मुखिया, वार्ड सदस्यों पर एफआईआर दर्ज करने का निदेश संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिया गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि अनियमितता एवं कोताही बरतने वाले जनप्रतिनिधियों, कर्मियों के विरूद्ध न केवल एफआईआर दर्ज की जायेगी बल्कि नीलाम पत्र वाद दायर कर राशि की रिकवरी भी की जायेगी। उन्होंने सभी एसडीएम, बीडीओ को नल-जल योजना अंतर्गत कराये जा रहे कार्यों का नियमित निरीक्षण एवं अनुश्रवण करने का निदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में नल-जल एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान अंतर्गत क्रियान्वित योजनाओं में अब सिर्फ पेवर ब्लाॅक का उपयोग ही करना है, पीसीसी या अन्य माध्यमों का उपयोग नहीं करना है। इसका उल्लंघन करने वाले अधिकारियों एवं कर्मियों पर भी सख्त कार्रवाई की जायेगी।
जिलाधिकारी द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को निदेश दिया गया कि नल-जल योजना अंतर्गत कराये गये कार्यों का शत-प्रतिशत एमबी इस महीने के अंत तक पूर्ण हो जाना चाहिए। इस कार्य में तनिक भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। साथ ही प्राप्त शिकायतों के आलोक में जांच कर त्वरित निराकरण भी कराने का निदेश संबंधित पदाधिकारियों को दिया गया है।
इस बैठक में अपर समाहर्ता, श्री नंदकिशोर साह, उप विकास आयुक्त, श्री रवीन्द्र नाथ प्रसाद सिंह, सभी एसडीएम, सभी प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारी, अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारियों सहित प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी आदि सम्मिलित हुए।