लौरिया में सैकड़ों एकड़ धान एव गन्ना के फसल बाढ़ के पानी एवं स्पैन वास टेमा की पानी से बर्बाद।

लौरिया में सैकड़ों एकड़ धान एव गन्ना के फसल बाढ़ के पानी एवं स्पैन वास टेमा की पानी से बर्बाद।

Bihar West Champaran

हालाँकि मिल प्रबंधन टेमा के पानी छोड़ने से कर रहा है इंकार।

परंतु बाढ़ के पानी हटने पर फसल बचने के आसार भी रहते हैं परंतु टेमा का पानी जिसे स्पैन वास कहते हैं यह फसलों को झुलसा देता है।

ब्यूरो रिपोर्ट, बेतिया: लौरिया सहित आसपास के खेतों में कहीं नहीं दिख रहा है फसल किसानों ने इस संबंध में अपने फसल नुकसान की भरपाई हेतु प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं परंतु अबतक फसल की क्षति की आकलन भी विभाग ने नहीं किया है जिससे किसान परेशान हैं, भेंट बहुत से किसान धान व गन्ने की बुवाई के लिए गेंहू का फसल बेचकर की थी रोपाई की परन्तु बिगत दिनों में आई भीषण बाढ़ से सैकड़ो एकड़ फसल बर्बाद हो गए हैं।

वही बहुत से खेतों में बाढ़ का पानी ज्यो का त्यों बना हुआ है, तो कही बाढ़ का पानी खेतो से हटने के बाद फसलों की स्थिति बत्त से बत्तर दिख रही है। वही स्थानीय किसान जीतू पांडेय  रंभु यादव संजय यादव   ने बताया की  फसलों की दुर्दशा देख खेतो की मेढ़ पर जाने की हिम्मत नही हो रहा। क्योकि जो भी रकम था सब बुआई के समय खेती में  लगा दिया गया। अब बाढ़ के भयंकर पानी ने फसलों के ऊपर लगभग  पानी बहने से फसल पुरी तरह नष्ट हो गया है  जो किसी भी परिस्थिति में पैदावार नही होगा।

वही लौरिया मुखिया मनीष मिश्रा, रम्भू यादव, अमन  मिश्रा, संजय यादव, धर्मवीर राम, नवीन यादव, ने बताया कि हमारे क्षेत्र में मुख्य फ़सल धान व गन्ना का फ़सल है। जिसे बेचकर किसान लड़का लड़कियों के पढ़ाई, शादी, व अन्य खर्चे की ब्यवस्था करता था। पिछले वर्ष भी कुछ ऐसा ही हुआ था, परन्तु इस वर्ष तनिक भी धान के फ़सल घर आने की उम्मीद नही है।
बाढ़ का पानी गया सब वह अपने साथ बहा ले गया। वही स्थानीय किसानों ने बताया कि बिहार सरकार से  मिलने वाला अनुदान का ही अब भरोसा है। वहीं सामाजीक कार्यकर्त्ताओं ने फसल क्षति का आकलन कर मुआवजे की मांग सरकार से की है।

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