प्रधान मंत्री द्वारा राम मंदिर के शिलान्यास के खिलाफ भाकपा माले ने पीएम का किया पुतला दहन।

प्रधान मंत्री द्वारा राम मंदिर के शिलान्यास के खिलाफ भाकपा माले ने पीएम का किया पुतला दहन।

Bihar West Champaran
प्रधान मंत्री द्वारा राम मंदिर के शिलान्यास के खिलाफ भाकपा माले ने पीएम का किया पुतला दहन।

प्रधान मंत्री द्वारा मंदिर के नाम पर राजनीति के खिलाफ भाकपा माले ने पीएम मोदी का पुतला फूंका

ब्यूरो रिपोर्ट, बेतिया,5 अगस्त 2020
प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास करना। अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन समारोह का सरकारी आयोजन में तब्दील हो जाना और उत्तर प्रदेश के प्रशासन और केंद्र सरकार की इसमें पूर्ण भागीदारी, भारतीय संविधान की मूल भावना को सोच समझ कर नष्ट करने का कृत्य है भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर भी हमला है.
राज्य को धर्म से अलग रखने की संविधान की मूलभूत भावना के खिलाफ हैं। प्रधान मंत्री द्वारा राम मंदिर के शिलान्यास मे शामिल होना।भाकपा माले इसके खिलाफ चनपटिया,सिकटा, मझौलिया, बैरिया अंचल कमिटी ने दर्जनों गांवों में पीएम मोदी का पुतला दहन  कर विरोध किया, पुतला फूंकने के बाद भाकपा माले चनपटिया अंचल सचिव योगेन्द्र यादव ने कहा कि धार्मिक आयोजन से सरकार को बाहर रहना चाहिए।मगर पीएम नरेंद्र मोदी संविधान के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप का उल्लंघन कर धार्मिक आयोजन में शामिल हो रहे है, भूमि पुजन कर रहे है। जिससे संविधान की मुलभूत भावना को छति पहुंच रही हैं, माले नेता संजय राम ने कहा कि हमारा संविधान धर्म से राजनीति को अलग रखने पर बल देता है मगर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी  मंदिर के नाम पर राजनीति कर रहे है।

जो ठीक नहीं है। आगे कहा कि यह आयोजन केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी कोविड 19 से बचाव के प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन है, जिसमें धार्मिक आयोजनों, बड़ी जुटान एवं 65 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों की भागीदारी पर रोक है. अयोध्या में पुजारी और तैनात पुलिस वालों का कोरोना पॉज़िटिव पाया जाना, बढ़ती महामारी के बीच लोगों को आमंत्रित करने से मानव जीवन के लिए पैदा किए जा रहे खतरे को रेखांकित करता है. राम मंदिर को कोरोना वाइरस का इलाज बताने वाले भाजपा नेताओं के बयान संघ-भाजपा की धर्मांधता और कोरोना महामारी के बीच सरकार की अनुपयुक्त प्राथमिकताओं को ही दर्शाते हैं. जब कोरोना के केस दिन दूनी-रात चौगुनी गति से बढ़ रहे हैं, तब सरकार अपनी पूर्ण विफलता को लोगों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ के जरिये ढकना चाहती है.राज्य को धर्म से अलग रखने की संविधान की मूलभूत भावना का सम्मान करना चाहिए। पुरा देश कोरोना महामारी और विनाशकारी लाक डाउन तथा बाढ़ से तबाही झेल रहा है।

मोदी सरकार कोरोना नियंत्रण में विफलता को लोगो की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे थे है, आगे कहा कि जन स्वास्थ्य के बजाय धार्मिक आयोजन को प्राथमिकता देना बंद करना चाहिए। हम जनता से अपील करते हैं धर्म का राजनीतिकरण करने और जन स्वास्थ्य के बजाय धार्मिक आयोजन को प्राथमिकता देने के मोदी सरकार की कार्यवाही को खारिज करें और धर्मनिरपेक्षता व न्याय के संवैधानिक उसूलों को बुलंद करें.
इस मौके पर शम्भू कुशवाहा, हाकिम मियां, अनारूल,दिनेश गुप्ता,दीलकलाम,बदरी राम,जगीर आलम,समसुद्दीन अंसारी, राजकुमार राम बृजेश शुक्ला, गनेश महतो,भोज राम,रामाकांत माझी,रामसुरत राम,इसलाम अंसारी, जोखन मियां आदि सहीत सैकडो लोग कार्यक्रम में  भाग लिया।

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