विकास प्रबंधन संस्थान, पटना के प्रोफेसरों ने जाना कैसे कम समय में विकसित किया गया बेतिया मॉडल।

विकास प्रबंधन संस्थान, पटना के प्रोफेसरों ने जाना कैसे कम समय में विकसित किया गया बेतिया मॉडल।

Bettiah Bihar West Champaran

प्रोफेसरों द्वारा की गयी जिला प्रशासन की अत्यधिक सराहना।

डीएमआई के कोर्स में केस स्टडी के रूप में शामिल किया जाएगा बेतिया मॉडल।

आगामी दिनों में विकास प्रबंधन संस्थान, पटना के इंर्टन्स को भी बेतिया मॉडल की जानकारी लेने एवं अध्ययन करने के लिए पश्चिम चम्पारण भेजने की कही बात।

न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान

बेतिया। विकास प्रबंधन संस्थान, पटना के तीन सदस्यीय दल द्वारा बेतिया मॉडल को जानने-समझने हेतु स्टाअर्अप जोन, चनपटिया सहित अन्य स्थलों का भ्रमण किया गया। साथ ही जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार से उनके कार्यालय प्रकोष्ठ में भेंट किया गया। इस दल में प्रोफेसर अमृता धीमन, प्रोफेसर शंकर पूर्वे, प्रोफेसर एस0 राजेश्वरन शामिल थे।

जिलाधिकारी द्वारा प्रोफेसरों के दल को बेतिया मॉडल के शुरू से लेकर अबतक की जर्नी को प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि कैसे कम समय में बेतिया मॉडल को विकसित किया गया है। कैसे कामगारों/श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाया गया। कैसे उन्हें मजदूर से मालिक बनाया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि पश्चिम चम्पारण जिले के लिए यह अत्यधिक गौरव की बात है। लॉकडाउन के दौरान जिले में वापस लौटे कामगारों/श्रमिकों के हुनर को पहचानने एवं निखारने के उपरांत उन्हें सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान करते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाया गया है। इसके फलस्वरूप जिले को मैनुफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में कार्य करते हुए विभिन्न कलस्टरों में कार्य प्रारंभ हो चुका है। साथ ही चनपटिया में नवप्रवर्तन स्टार्टअप जोन बनाया गया है, जिसमें टेक्सटाईल की कई इकाईयों की स्थापना हो चुकी है एवं कई अन्य इकाईयां अपना उद्यम अधिष्ठापित करने को इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम चम्पारण का उत्पाद देश-विदेश में भेजा जा रहा है। जिससे एक तरफ उद्यमियों का हौसला लगातार बढ़ रहा है वहीं जिले के आर्थिक विकास में भी सहयोग मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि जिले में अबतक 57 उद्यमियों को स्थान आवंटित किया जा चुका है तथा इनके द्वारा चनपटिया स्टार्टअप जोन में उत्पादन प्रारंभ किया जा चुका है। उ़द्यम स्थापित किये गये उद्यमियों द्वारा अबतक लगभग 15 करोड़ की बिक्री देश-विदेशों में की गयी है। उद्यमियों द्वारा लगभग 08 करोड़ की लागत की आधुनिक मशीनें खरीदी गयी है जिसमें छोटी-बड़ी मिलाकर कुल 404 मशीनें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि खरीदे गये मशीन पर उद्यमियों द्वारा 18 प्रतिशत टैक्स लगभग 01 करोड़ 44 लाख रूपये का टैक्स पेय किया गया है।

उन्होंने कहा कि उद्यम स्थापित होने से अभी तक एक हजार से ज्यादा कामगारों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हुआ है। चनपटिया स्टार्टअप जोन ने अबतक 135000 ट्राउजर, 101000 लैगिंग्स, 61000 दुपट्टा, 29000 साड़ी, 63000 टै्रक सूट, 54000 मॉस्क्यूटो नेट, 22000 शर्ट्स, 23000 निकर, 19000 जैकेट्स, 450 लहंगा, 3500 प्लाजो एंड कुर्ती, 8000 स्कूल यूनिफॉर्म, 08 लाख सेनेटरी पैड, 13 लाख मास्क, 8214 पीस क्रिकेट बैट सहित तीन लाख से ज्यादा फुटवेयर का प्रोडक्शन कर सफलतापूर्वक बिक्री किया है।

उन्होंने कहा कि प्लग एंड प्ले मॉडल के अुनरूप कामगारों/श्रमिकों को मौका दिया जा रहा है, जिससे वे काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि नेक्स्ट जेनरेशन को बेस्ट फ्यूचर देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अथक प्रयास लगातार किया जा रहा है ताकि आने वाली पीढ़ी को रोजगार एवं जीविकोपार्जन हेतु अन्यत्र नहीं जाना पड़े। प्रयास ऐसा किया जा रहा है कि पश्चिम चम्पारण जिले के उद्यमी बाहर के बेरोजगारों को भी अपने जिले में रोजगार उपलब्ध करा सके।

प्रोफेसरों के दल द्वारा जिला प्रशासन द्वारा बेतिया मॉडल को विकसित करने एवं ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर अत्यधिक सराहना की गयी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा बेहतर कार्य किया गया है। आगामी दिनों में विकास प्रबंधन संस्थान, पटना के इंर्टन्स को भी बेतिया मॉडल की जानकारी लेने एवं अध्ययन करने के लिए पश्चिम चम्पारण भेजा जायेगा।

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