जीविका समूहों के बैठक में शामिल होकर बैंकर्स ने जाना पंचसूत्र की प्रक्रिया।
समूहों के लेखांकन प्रकिया को प्रशिक्षुओं ने सराहा , कहा जीविका से जुड़कर दीदियों में आ रहे हैं सकारात्मक बदलाव।
न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान,
बेतिया / नाबार्ड के तत्वावधान में पादरी दुसैया सेवा सदन मे जीविका समूहों और संयुक्त देयता समूहों पर बैंक प्रबंधकों और पैक्स अध्यक्ष का उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गाया । कार्यशाला का उदघाटन संयुक्त रूप से नाबार्ड के डी डी एम गोपाल कुमार पंडित और जीविका के सूक्ष्म वित्त प्रबंधक चंद्र प्रभात ने किया। कार्यशाला के पहले दिन प्रबंधक चंद्र प्रभात ने जीविका की संस्थागत सरंचना और और कार्यशैली की जानकारी दी। साथ ही साथ इन्होंने जीविका द्वारा संचालित गतिविधियों जैसे वित्तीय समावेशन, स्वास्थ एवं एवं पोषण और जीविकोपार्जन के कार्यक्रम जैसे बकरी पालन मुर्गी पालन खेती-बारी,सामाजिक विकास, क्षमतावर्धन एवं संस्थागत निर्माण आदि विषय पर विस्तृत जानकारी दी। इन्होंने बताया कि जीविका दीदी समूहों को उपलब्ध कराए गए ऋण की राशि को जीविकोपार्जन कार्य में लगा कर अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं।
कार्यशाला के दूसरे दिन प्रबंधकों ने मझौलिया प्रखंड के अधिकार संकुल संघ की बैठक में भाग लिया जहां नाबार्ड के डी डी एम गोपाल कुमार पंडित ने जीविका दीदियों को बताया कि जिस प्रकार सीएलएफ एवं बैंकों से ऋण लेकर मास्क का उत्पादन कर जीविका दीदी ने शुद्ध मुनाफा कमाया, उसी प्रकार सामूहिक रूप से कोई बिजनेस प्लान दे ताकि बैंक भी इस कार्य में उनकी मदद कर सके। अधिकार सीएलएफ की अध्यक्ष मेहरून नेसा ने नए प्रबंधकों को सीएलएफ कि कार्यकलाप की जानकारी दी ओर बैक प्रबंधकों से बैकिंग सेवा को और भी सुगम बनाने की अपील की। बैठक में रंजू देवी ने बताया की उन्होंने बैंक से ऋण ले कर मछली पालन कर अपने परिवार को चला रही है। बैक प्रबंधकों ने मछली की हैचरी सेंटर ओर डेयरी सेंटर का भी भ्रमण किया। कार्यक्रम विभिन्न बैंकों के शाखा प्रबंधक ,पैक्स अध्यक्ष समेत जीविका के कई प्रबंधक उपस्थित रहे।