जिले के सभी पात्र बच्चों को मुहिम चलाकर परवरिश योजना से करें लाभान्वित : जिलाधिकारी।

जिले के सभी पात्र बच्चों को मुहिम चलाकर परवरिश योजना से करें लाभान्वित : जिलाधिकारी।

Bettiah Bihar West Champaran

सिविल सर्जन, डीपीओ आइसीडीएस, एडीसीपी, शिक्षा विभाग समन्वय स्थापित कर बच्चों को पहुंचायें लाभ।

जिला प्रशासन की अपील – जिलेवासी यदि अपने आसपास परवरिश योजना की अर्हता रखने वाले, देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले, अनाथ एवं बेसहारा बच्चों को देखें अथवा इसकी सूचना हो तो अपने संबंधित जिले के निकटतम आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से संपर्क कर उस बच्चे को राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना परवरिश का लाभ दिलाने का प्रयास करें।

न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान,

बेतिया। जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण के गैर संस्थानिक प्रयासों के अंतर्गत परवरिश योजना शुरू की गयी है। यह अत्यंत ही महत्वपूर्ण योजना है, अनाथ बच्चों के लिए जरूरी बेहद जरूरी है। इस योजना के तहत अनाथ एवं अभिवंचित बच्चों का पालन-पोषण किया जाना है।

उन्होंने कहा कि जिले के सभी पात्र बच्चों को मुहिम चलाकर परवरिश योजना से लाभान्वित किया जाय। इस हेतु सिविल सर्जन, डीपीओ आइसीडीएस, एडीसीपी, शिक्षा विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर पात्र बच्चों को लाभ पहुंचायें। उन्होंने निदेश दिया कि इस योजना के तहत पात्र बच्चों को मिशन मोड में चिन्हित किया जाय तथा उन्हें लाभान्वित किया जाय।

जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अनुमंडल पदाधिकारी विशेष ध्यान देंगे तथा कैम्प मोड में परवरिश योजना से शत-प्रतिशत बच्चों को आच्छादित करना सुनिश्चित करेंगे। सभी बीडीओ, सीओ इससे संबंधित बच्चों की सूचना देंगे ताकि उन्हें परवरिश योजना से लाभान्वित किया जा सके।

सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा बताया गया कि जिले में परवरिश योजना के तहत कुल-194 बच्चों को अबतक लाभान्वित किया जा चुका है। वहीं मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 9774 लाभुकों को लाभान्वित किया गया है।

उन्होंने बताया कि अनाथ एवं बेसहारा बच्चे जो अपने निकटतम संबंधी अथवा अपने रिश्तेदार के साथ रहते हैं। एचआईवी पोजेटिव एड्स से पीड़ित माता/पिता के बच्चे अथवा कुष्ठ रोग से (ग्रेड-02) से पीड़ित माता/पिता की संतान को परवरिश योजना से लाभान्वित किया जाता है। इस हेतु बच्चे की उम्र 18 वर्ष से कम हो। पालन पोषणकर्ता अथवा माता-पिता गरीबी रेखा (बीपीएल) के अधन सूचीबद्ध हो अथवा उनकी वार्षिक आय साठ हजार से कम हो। एचआईवी पोजेटिव एवं कुष्ठ के मामले में गरीबी रेखा के अधीन अथवा वार्षिक आय साठ हजार रूपये की अनिवायर्ता नहीं है।

उन्होंने बताया कि वैसे बच्चे भी अनाथ एवं बेसहारा माने जायेंगे जिनके माता एवं पिता की या तो मृत्यु हो गयी हो या मानसिक दिव्यांगता या कारावास में बंदी होने के कारण से अथवा किसी न्यायिक आदेश से वे अपने बच्चे के परवरिश करने में असमर्थ हो गए हों परंत ऐसी बाध्यकारी परिस्थिति के समाप्त हो जाने पर उनकी पात्रता भी स्वतः समाप्त हो जायेगी।

उन्होंने बताया कि परवरिश योजना अंतर्गत 0 से 18 वर्ष उम्र समूह के बच्चों के लिए एक हजार रूपये प्रतिमाह अनुदान दिया जाता है। आवेदन करने की प्रक्रिया भी अत्यंत ही सरल है। आवेदन पत्र आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका के पास निःशुल्क प्राप्त किया जा सकता है। आवेदन पत्र विभाग के वेबसाईट http//:socialwelfare.bih.nic.in पर उपलब्ध है। आवेदक, आवेदन पत्र भरकर एवं आवश्यक कागजात संलग्न कर संबंधित क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका के पास जमा करायेंगे। एचआईवी पोजेटिव एड्स एवं कुष्ठ रोग के मामले में आवेदन पत्र भरकर सीडीपीओ (बाल विकास परियोजना पदाधिकारी) के कार्यालय में जमा करायेंगे।

जिला प्रशासन द्वारा सर्वसाधारण से अपील की गयी है कि यदि वे अपने आसपास परवरिश योजना की अर्हता रखने वाले, देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले, अनाथ एवं बेसहारा बच्चों को देखें अथवा इसकी सूचना हो तो अपने संबंधित जिले के निकटतम आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से संपर्क कर उस बच्चे को राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना परवरिश का लाभ दिलाने का प्रयास करें।

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार, प्रबंधक, बेतिया राज, श्री विनोद कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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