अगर हम आज भी न संभले तो हमारी हाल सिंधु घाटी सभ्यता की तरह हो जाएगी: मौर्यवंशी

अगर हम आज भी न संभले तो हमारी हाल सिंधु घाटी सभ्यता की तरह हो जाएगी: मौर्यवंशी

Bihar National News

जैसा हम इतिहास के किताबों में पढ़ते है…..

भारतीय इतिहास:  हड़प्पा सभ्यता या सिंधु घाटी सभ्यता के बारें में कौन नही जानता है। ऐसा कहा जाता है कि लगभग 5000 ईशा पूर्व यानी आज से लगभग 7000 वर्ष पूर्व भारत में दुनिया की सबसे पुरानी एवं महान सभ्यता विकसित हुई थी जो पूर्णतः नष्ट हो गई।
गौर करनेवाली बात है कि आधुनिक दुनिया को टक्कर देने वाली इतनी बड़ी सभ्यता नष्ट कैसे हुई ?
इसके संबंध में विश्व के इतिहासकारों के द्वारा तरह-तरह के अनुमान लगाए जाते है।

कोई कहता है भयंकर बाढ़ आया होगा।
कोई कहता है भूकम्प, तो कोई सिंधु नही की धारा बदलने की बात करते है। अनुमान के क्रम में इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि इसी तरह से कोई कोरोना जैसे महामारी आयी होगी जिसके तबाही से एक फलते-फूलते महान सभ्यता का पतन हो गया।

आज 2020 में इतिहास फिर से दुहराई जा रही है। कोरोना महामारी की वजह से पूरे विश्व में मानव जाति पर संकट के बादल मंडरा रहा है। ऐसी आशंका जाहिर की जा रही है कि इस महामारी के वजह से पृथ्वी से मानव का समूल नष्ट न हो जाए।

इस वैश्विक संकट की घड़ी में बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति अपना हड़ताल जारी रखते हुए कंधे से कंधा मिलाकर (कोरोना से लड़ाई में) भारत सरकार का समर्थन करती है। मीडिया प्रभारी मण्डल से शिक्षक नेता रामनिवास कुमार मौर्यवंशी आपसबों से करबद्ध आग्रह करते हुए कहते है कि इस भयावह खतरे से उबरने का एक ही उपाय है सामाजिक दूरी बनाएं और अपने घरों से बाहर न जाये,घरों के अंदर रहे।
अगर हम आज भी न संभले तो फिर वह दिन दूर नहीं जब हमारे कब्रों को खोदकर पुरातत्वविद्व रिसर्च करेंगे और कहेंगे कि हज़ारों वर्ष पूर्व भारत में एक सभ्यता विकसित हुई थी जो किसी कारणवश पूर्णतः नष्ट हो गयी……

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