भारत सरकार ने जयनगर- कुर्था इंडो नेपाल रेल परियोजना को शुक्रवार को काठमांडू में एक समारोह में नेपाल सरकार को किया सुपुर्द

भारत सरकार ने जयनगर- कुर्था इंडो नेपाल रेल परियोजना को शुक्रवार को काठमांडू में एक समारोह में नेपाल सरकार को किया सुपुर्द

National News अंतरराष्ट्रीय इंटरनेशनल

 

नवीन सिंह कुशवाहा, काठमांडू, नेपाल :भारत नेपाल के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक सामाजिक रिश्तों की मजबूती के लिए बहुप्रतीक्षित जयनगर- जनकपुरधाम वाया कुर्था तक रेल परिचालन का रास्ता साफ हो गया है। नेपाल सरकार की ओर से शीघ्र ही परिचालन शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। इंडो नेपाल मैत्री के तहत आर्थिक सहयोग में भारत के जयनगर से नेपाल के कुर्था तक 34.9 किलोमीटर खंड को ब्रॉड गेज में आमान परिवर्तन के पहले फेज का कार्य हुआ है। इसे विधिवत सिंह दरबार स्थित भौतिक पूर्वाधार मंत्रालय के सभागार में हुए समारोह में हैंडओवर कर दिया गया। हस्तांतरण के बाद दोनों देश के नागरिकों में खुशी है। तीन फेज में यह परियोजना पूरी होनी है। समारोह में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा, भौतिक पूर्वाधार व यातायात मंत्री रेणु कुमारी यादव भी थीं। समारोह में भारत सरकार की ओर से इरकॉन इंटरनेशनल ने रेल खंड नेपाल रेलवे कंपनी लिमिटेड को हस्तांतरित किया।

भारत नेपाल के बीच रिश्ते की मजबूती को लेकर उठाए गए कदम का भारत नेपाल पत्रकारों के संगठन मीडिया फॉर बॉर्डर हारमोनी के संरक्षक सांसद अजय निषाद ने स्वागत किया है । मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद ने कहा कि यह कदम आने वाले दिनों में ऐतिहासिक होगा ।‌ दोनों देशों के बीच व्यापार के साथ-साथ सामाजिक, सांस्कृतिक सदियों पुरानी रिश्ते मजबूत होगा

सांसद निषाद ने इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और उनके मंत्रीमंडल के तमाम सहयोगियों के साथ नेपाल के सभी राजनीतिक दल व नागरिकों को बधाई दी है । सांसद निषाद ने कहा कि जब से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने हैं तब से नेपाल सहित तमाम पड़ोसी देशों से रिश्ते प्रगाढ़ हो रहे हैं । उन्होंने भारत नेपाल के पत्रकारों के संगठन मीडिया फॉर बॉर्डर हारमोनी की सराहना करते हुए कहा कि संगठन की ओर से लगातार दोनों देश के राजनीतिक सामाजिक संगठनों और पत्रकारों से संवाद करके सरकार तक समस्याएं पहुंचाई जा रही है। उसका निदान भी बड़ी तेजी से हो रही है। भारत नेपाल के बीच मैत्री बस का परिचालन हो, गैस पाइपलाइन की बात हो या फिर अब रेलवे यातायात सुगम हो रहा है। इस तरह से आए दिन रिश्ते में सुधार हो रही है । सांसद ने कहा कि जब नेपाल की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी तभी भारत और मजबूत होगा। इधर वरीय पत्रकार अमरेंद्र तिवारी ने भी इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि लगातार मीडिया फॉर बॉर्डर हार्मोन की पहल से दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। तिवारी ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा व मीडिया फॉर बॉर्डर हारमोनी नेपाल के तमाम पत्रकारों और नेपाली भाई बहनों के प्रति इस परियोजना के लिए आभार प्रकट किया।

तीन फेज का कार्य हुआ पूरा 

भारत-नेपाल की यह रेल परियोजना तीन फेज में पूरी होगी। पहले फेज में जयनगर- कुर्था 34.9 किमी, दूसरा फेज कुर्था से वर्दीवास तक 18.6 किमी व तीसरे फेज में वर्दीवास से बिजुलपुरा तक 15.67 किमी रले लाइन का निर्माण होना है। इस परियोजना पर 750 करोड़ से अधिक की लागत आएगी।

बहुप्रतीक्षित इंडो-नेपाल रेल प्रोजेक्ट के नेपाल सरकार को हस्तांतरण के बाद अब दोनों देशों के बीच रेल परिचालन की संभावना बढ़ गई है। परिचालन से न केवल दोनों देश के नागरिकों को बहुआयामी फायदे होंगे बल्कि दोनों देशों केबीच व्यापार बढ़ेगा। अब दिल्ली, मुम्बई, सूरत, कोलकाता समेत अन्य महानगरों से ट्रेन के माध्यम से विभिन्न व्यवसाय से जुड़े सामान सीधे नेपाल के लिए जा सकेगा जिससे बड़े पैमाने पर व्यापार बढ़ने की उम्मीद है। वहीं दोनों देश के निकटवर्ती सीमावर्ती इलाकों के बाजार गुलजार होंगे। नेपाल के ग्राहकों क़ो इस ट्रेन के माध्यम से जयनगर, मधुबनी, दरभंगा, पटना समेत महानगरों तक व्यापारिक ,चिकित्सा सेवा के लिए सुलभ रास्ते होग्ंो। इंडो नेपाल मैत्री समेत रोटी-बेटी के सम्बधों में और मधुरता आएगी। लोगों को 2 घंटे में जयनगर से जनकपुर का सफर तय कर सकेंगे। भगवान राम की नगरी अयोध्या से जनकपुरधाम तक रामायण सर्किट के रास्ते साफ होंगे। इससे पर्यटन को अत्यधिक बढ़ावा मिलेगा।

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