गैरमजरूआ जमीन के बंदोबस्ती के खिलाफ ग्रामीण उतरे सड़क पर!
सिकटा संवाददाता अमर कुमार की रिपोर्ट!
सिकटा( पश्चिमी चंपारण) बलथर थानाक्षेत्र के मुरली गांव में अतिक्रमित भूमि को खाली कराना विवाद के घेरे में आ गया है।अंचल के परसौनी मौजा के मुरली गांव में गैरमजरूआ जमीन की बंदोबस्ती के खिलाफ ग्रामीण सड़क पर आ गए है। ग्रामीण रामजी तुरहा समेत उनके पुत्रों के नाम गैरमजरूआ भूमि की बंदोबस्ती को गलत बता रहें है।
वही उसी जमीन के कुछ भाग पर वर्षों से निवास करने वाले तीन अतिक्रमणकारियों को वैध बता रहे है।जिससे मामला तूल पकड़ लिया है।इसको लेकर ग्रामीण महिला व पुरूषों ने बुधवार को अंचल प्रशासन के विरूद्ध अतिक्रमण मुक्त भूमि पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। अतिक्रमण मुक्त की गई भूमि पर पीडिता पैर से दिव्यांग ठागों देवी समेत सुनिता देवी, मुनिया देवी, सुगांधी देवी, सुभाद्रा देवी, मदन पंडित, मुसाई साह, रामायण साह, जगन फौजदार, बद्री सहनी, अमित साह आदि ग्रामीणों ने बताया कि गांव के दक्षिण व मुख्य सड़क से पूरब लगभग दस कठ्ठा गैरमजरूआ भूमि है।
जिस पर पहले से बड़ा गढ्ढा था। जिसमें गांव भर के नाली का पानी बहता रहता था।। जिसे अंचल कार्यालय ने लगभग 1995 में गांव के बाइस लोगों के नाम से बंदोबस्त कर दिया था। ग्रामीणों के विरोध के बाद उन्नीस ग्रामीणों ने सर्वजनिक स्थल के तौर पर रखने के लिए अपने नाम से बंदोबस्त भूमि को आर्य समाज यज्ञशाला के नाम से वापस कर दियें। वही रामजी तुरहा समेत दो पुत्रों ने अपनी बंदोबस्ती वाली जमीन को यज्ञशाला के नाम से वापस नही किया।
ग्रामीण उसी समय से इसका विरोध करते रहे है। इसी भूमि के कुछ भाग पर दिव्यांग भूमिहीन महिला सहित तीन दलित परिवारों ने लगभग 1985 से घर बनाकर निवास कर रहे है। इसी भूमि पर दिव्यांग महिला का इन्दिरा आवास भी बना था। बावजूद अंचल व पुलिस प्रशासन अपर समाहर्ता के निर्देश पर रामजी तुरहा के बेदखली वाद के आलोक में मंगलवार को बूलडोजर चलाकर तोड़ डाला।
जिसके ग्रामीणों ने अवैध करार दिया है। वही इस संबंध में पूछे जाने पर सीओ मनीष कुमार ने कहा कि वह जमीन बहुत पहले बंदोबस्त कर दी गई है। जिसे तीन लोगों ने अतिक्रमण कर घर बना लिया था। बेदखली वाद के तहत अपर समाहर्ता के आदेश पर बंदोबस्ती की भूमि से अतिक्रमण खाली कराया गया है।