ब्यूरो रिपोर्ट, बेतिया: भाजपा शासित केंद्र सरकार के द्वारा पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि होने के कारण उपभोक्ताओं में काफी रोष व्याप्त हो रहा है, उपभोक्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय के द्वारा पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस में दिन- प्रतिदिन कीमतों में बढ़ोतरी होने से घर चलाने वाली गृहिणियों के बजट में काफी उतार-चढ़ाव से परेशानी हो रही है।
इसको देखते हुए उपभोक्ताओं में बेचैनी हो रही है, उपभोक्ताओं का कहना है कि दिन- प्रतिदिन पेट्रोल ,डीजल और रसोई गैस में बढ़ोतरी होना केंद्र सरकार की आर्थिक नीति का मानक के अनुरूप निचले स्तर तक चल जाने का इशारा करता है , इस तरह की बढ़ोतरी हो जाने से आजकल पेट्रोल की कीमत ₹80 तथा डीजल की कीमत ₹77 तक पहुंच गया है, इसके अलावा रसोई गैस की कीमत में भी ₹72 की बढ़ोतरी हो गई है, जो आम उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन गया है ,मगर सरकार है कि कीमतों में हुई बढ़ोतरी में कम करने में आनाकानी कर रही है ।
पेट्रोलियम देशों के संस्था ,ओपेक का कहना है कि जिस अनुपात में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी होनी चाहिए, उससे ज्यादा अनुपात में भारत में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी की जा रही है , पेट्रोलियम निर्यातक देशों के समूह ने जिस अनुपात में, पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी की है, उससे कहीं अधिक कीमतों में बढ़ोतरी केंद्र सरकार ने कर के उपभोक्ताओं के ऊपर बड़ा बोझ लाद दिया है ,जो नहीं होना चाहिए, इस तरह देखा जाए तो पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में में लगभग 2.5% तक की वृद्धि की गई है, जो निराशाजनक है।
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संघ (भारत) के जिला इकाई के जिला अध्यक्ष, सुरैया शाहाब ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में, बेतहाशा वृद्धि होना मानवाधिकार के हनन का द्योतक प्रतीत होता है, उन्होंने आगे बताया कि प्रतियेक सप्ताह के दौरान कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए ,इसके लिए सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय को चाहिए कि एक मानक के अनुसार नीति- निर्धारण करके इस पर विचार करें ,ताकि उपभोक्ताओं को प्रति सप्ताह कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी से मुक्ति मिल सके, जिलाअध्यक्ष ने आगे कहा कि मैं, केंद्र सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय से यह मांग करती हूं कि बढ़े हुए पेट्रोलियम पदार्थों के कीमतों में अभिलंब कमी लाई जाए ताकि उपभोक्ताओं को कुछ आर्थिक परेशानियां दूर हो सके।