भाकपा माले का जन एकता कन्वेंशन सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ 25 फरवरी को होगा बिहार विधानसभा मार्च।

भाकपा माले का जन एकता कन्वेंशन सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ 25 फरवरी को होगा बिहार विधानसभा मार्च।

West Champaran

रिपोर्ट= वकीलुर रहमान खान, अपने ही नागरिकों को अवैध मानने वाली सरकार वैध कैसे ? 8 से 15 फरवरी तक होगा सभी पंचायतों में पदयात्रा

सिकटा (बेहरा), 2 फरवरी 2020, भाकपा माले सिकटा अंचल के बेहरा गांव में सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ कार्यकर्ता कन्वेंशन का आयोजन किया, कार्यकर्ता कन्वेंशन को संबोधित करते हुए भाकपा माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य विरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि अपने ही नागरिकों को अवैध मानने वाली सरकार ही अवैध है।

सबसे पहले यह अवैध मोदी सरकार कुर्सी खाली करें सीएए, एनआरसी और एनपीआर गरीबों की नागरिकता पर हमला है, यह गरीबों और अल्पसंख्यकों  के लिए खतरे की घंटी है, इसकी असलियत भाकपा माले के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को समझाने के लिए 8 से 15 फरवरी तक पदयात्रा करेगें और 25 फरवरी को बिहार विधानसभा मार्च कर नीतीश सरकार से बिहार की जनता मांग करेंगी कि सीएए एनआरसी, एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पास कर  दिल्ली सरकार को भेजें  वरना  कुर्सी खाली करें।

जिसमें सिकटा अंचल से दस हजार लोग भाग लेगें, उन्होंने आगे कहा कि भाजपा- आरएसएस के एक एक झूठ का पर्दाफाश भाकपा माले के  कार्य कार्यकर्ता करेंगे। भाजपा सरकार ने अभी अकेले असम में 19 लाख 60 हजार लोगों को नागरिकता खत्म कर दिया है, जिसमें बिहार के 56000 प्रवासी मजदूरों की नागरिकता खत्म कर दी गई हैं।

असम में एनआरसी के बदनाम होने के बाद अब मोदी सरकार द्वारा एनपीआर की चर्चा की जा रही है।जो पिछले दरवाजे से एनआरसी ही है, माले नेता ने आशंका जताया कि सरकार अब लोगों के नागरिकता पर सीधे  सवाल उठाने के बजाय यह सरकार अब एनपीआर में  लोगों को चिन्हित करेगी और उन्हें डाउटफुल सिटिजन की सूची में डालेगी, जिसके खिलाफ भाकपा माले चरणबद्ध आंदोलन कर तानाशाह मोदी सरकार को सीए एनआरसी एनपीआर वापस  लेने के लिए मजबूर करेगी।

इस मौके पर  खेग्रामस के जिला अध्यक्ष संजय राम, भाकपा माले अंचल सचिव रामप्रताप पासवान, माले नेता भोज राम, गणेश प्रसाद, वीरेंद्र पासवान, निर्माण मजदूर के जिला संयोजक गुड्डू मिश्रा, किसान नेता हरेराम यादव, इंसाफ मंच के नेता इसुफ अंसारी, एमाम साहब  आदि लोगों ने भी संबोधित किया।

सीएए, एनआरसी और एनपीआर गरीबों की नागरिकता पर हमला है, यह गरीबों और अल्पसंख्यकों  के लिए खतरे की घंटी है, इसकी असलियत भाकपा माले के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को समझाने के लिए 8 से 15 फरवरी तक पदयात्रा करेगें और 25 फरवरी को बिहार विधानसभा मार्च कर नीतीश सरकार से बिहार की जनता मांग करेंगी कि सीएए एनआरसी, एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पास कर  दिल्ली सरकार को भेजें  वरना  कुर्सी खाली करें।

जिसमें सिकटा अंचल से दस हजार लोग भाग लेगें, उन्होंने आगे कहा कि भाजपा- आरएसएस के एक एक झूठ का पर्दाफाश भाकपा माले के  कार्य कार्यकर्ता करेंगे। भाजपा सरकार ने अभी अकेले असम में 19 लाख 60 हजार लोगों को नागरिकता खत्म कर दिया है, जिसमें बिहार के 56000 प्रवासी मजदूरों की नागरिकता खत्म कर दी गई हैं।

असम में एनआरसी के बदनाम होने के बाद अब मोदी सरकार द्वारा एनपीआर की चर्चा की जा रही है।जो पिछले दरवाजे से एनआरसी ही है, माले नेता ने आशंका जताया कि सरकार अब लोगों के नागरिकता पर सीधे  सवाल उठाने के बजाय यह सरकार अब एनपीआर में  लोगों को चिन्हित करेगी और उन्हें डाउटफुल सिटिजन की सूची में डालेगी, जिसके खिलाफ भाकपा माले चरणबद्ध आंदोलन कर तानाशाह मोदी सरकार को सीए एनआरसी एनपीआर वापस  लेने के लिए मजबूर करेगी।

इस मौके पर  खेग्रामस के जिला अध्यक्ष संजय राम, भाकपा माले अंचल सचिव रामप्रताप पासवान, माले नेता भोज राम, गणेश प्रसाद, वीरेंद्र पासवान, निर्माण मजदूर के जिला संयोजक गुड्डू मिश्रा, किसान नेता हरेराम यादव, इंसाफ मंच के नेता इसुफ अंसारी, एमाम साहब  आदि लोगों ने भी संबोधित किया।

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