मझौलिया से संजय पांडे के सहयोग से बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट।
मझौलिया (पच्छिम चम्पारण) कृषि विज्ञान केंद्र माधोपुर में मधुमक्खी पालन पर चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन माधोपुर के वरिये वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ अभिषेक प्रताप सिंह ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए वरिये वैज्ञानिक एवं प्रधान ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और कृषि में मधुमक्खी पालन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन न केवल कृषि उत्पादकता को बढ़ाने में सहायक है, बल्कि यह ग्रामीण बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करता है। मधुमक्खी पालन से शहद और अन्य उत्पादों की प्राप्ति होती है, जो कि बाजार में अच्छी कीमत पर बेचे जा सकते हैं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होती है।वही कार्यक्रम समन्वयक सौरभ दुबे ने
मधुमक्खी पालन की आधुनिक तकनीकों, शहद उत्पादन के तरीकों, और इसके व्यवसायिक संभावनाओं के बारे में जानकारी दी।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विशेष रूप से उन युवाओं को ध्यान में रखकर आयोजित किया गया है, जो स्वरोजगार के नए अवसरों की तलाश में हैं। मधुमक्खी पालन एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें कम लागत में अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा, यह पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक है, क्योंकि मधुमक्खियाँ परागण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिससे फसलों की पैदावार में वृद्धि होती है।
सभी प्रतिभागियों ने इस अवसर का पूरा लाभ उठाने का संकल्प लिया और कहा कि वे अपने गांवों में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे।
इस अवसर पर केवीके के अन्य वैज्ञानिक और सभी स्टाफ सदस्य भी उपस्थित थे।