ब्यूरो= रिपोर्ट, बेतियाः वर्ष 2020 में संभावित बाढ़ से निपटने हेतु की जा रही तैयारियों से संबंधित कार्यों की समीक्षा आज समाहरणालय सभाकक्ष में जिलाधिकारी, श्री कुंदन की अध्यक्षता में की गयी। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि संभावित बाढ़ के मद्देनजर सभी आवश्यक तैयारियां ससमय अपडेट करना सुनिश्चित करें ताकि बाढ़ आने की स्थिति में किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा हेतु विभिन्न तटबंधों का मरम्मती कार्य पूर्ण हो चुका है। बचे हुए कार्य कार्य को तीव्र गति से पूर्ण कराने की आवश्यकता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि पश्चिम चम्पारण जिले में लगभग प्रत्येक वर्ष बाढ़ के प्रकोप से काफी नुकसान होता है। इससे बचने के लिए सभी को टीम वर्क के साथ कार्य करने की जरूरत है। टीम वर्क से कार्य करने के उपरांत सभी कार्य काफी आसानी से सम्पन्न हो जाते हैं। उन्होंने अभियंताओं को निदेश दिया कि रैट होल से बचने हेतु तटबंधों का समय-समय पर निरीक्षण करते रहें तथा रैट होल की मरम्मती अविलंब कराना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि तटबंधों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है तथा गत वर्षों के अनुभव के आधार पर संवेदनशील तटबंधों के सुदृढ़ीकरण, मरम्मति आदि की कार्रवाई शीघ्र कर ली जाय। साथ ही आवश्यकतानुसार बाढ़ प्रक्षेत्र में अनुमंडलवार विभिनन चिन्हित स्थलों पर खाली बोरे, लोहे के जाल एवं बालू की व्यवस्था कर लेंगे ताकि आपात स्थिति में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
उन्होंने तटबंधों की सुरक्षा हेतु लगातार पेट्रोलिंग करने का निदेश भी संबंधित अधिकारियों को दिया है। उन्होंने सभी एसडीएम एवं संबंधित अभियंताओं को संयुक्त रूप से संभावित कटाव स्थल एवं कराये गये कार्य का स्थलीय निरीक्षण कर दो दिनों में प्रतिवेदन देने को कहा गया है। साथ ही साथ बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य जहां-जहां सम्पन्न हो चुके हैं एवं कहीं जरूरी है तो उनका भी स्थलीय निरीक्षण करने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है। उन्होंने कहा कि जहां बाढ़, कटाव आदि का खतरा ज्यादा है वहां पूरी सजगता के साथ सुरक्षात्मक कार्य सम्पन्न करायी जाय।
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी द्वारा वर्षा मापक यंत्र, सूचना व्यवस्था, बाढ़ शरण स्थल, सामुदायिक रसोई, राहत केन्द्र, मानव दवा की व्यवस्था, मोबाईल मेडिकल टीम, मेडिकल कैम्प, शुद्व पेयजल की व्यवस्था, जेनरेटर सेट, पेट्रोमेक्स, महाजाल की व्यवस्था, राज्य खाद्य निगम के गोदामों में खाद्यान्न की उपलब्धता, सड़कों की मरम्मति, लाईफ जैकेट, मोटरबोट आदि से संबंधित विस्तृत जानकारी ली गयी। इसके साथ ही जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र-सह नियंत्रण कक्ष, समुदायों को प्रशिक्षण, राहत एवं बचाव दल का गठन एवं तैयारियों का अभ्यास कर लेने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है।
इस बैठक में सहायक समाहर्ता, श्री कुमार अनुराग, अपर समाहर्ता, श्री नंदकिशोर साह, उप विकास आयुक्त, श्री रवीन्द्रनाथ प्रसाद सिंह, सभी एसडीओ सहित संबंधित कार्यपालक अभियंता उपस्थित रहे।