अमवा मन (झील) को टूरिस्ट स्पाॅट के रूप में विकसित किया जायेगा।
ब्यूरो रिपोर्ट, बेतियाः विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार द्वारा मझौलिया प्रखंड अवस्थित अमवा मन (झील) के विकास हेतु एक व्यापक कार्य योजना बनाने के उदेश्य से जायजा लिया गया। जिलाधिकारी द्वारा अमवा मन (झील) के पूरे भौगोलिक स्थिति को देखा गया और पर्यटन की व्यापक संभावनाओं पर अधिकारियों से विचार-विमर्श किया गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि पश्चिम चम्पारण जिले को पर्यटन के हब के रूप से विकसित करने हेतु व्यापक कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है। जिले में पर्यटन का एक सर्किट विकसित किया जायेगा ताकि आने वाले व्यक्तियों को सुखद अनुभूति हो। उन्होंने कहा कि अमवा मन (झील) का जीर्णोद्वार करते हुए इसे बेहतर पर्यटक स्पाॅट के रूप में विकसित किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि अमवा मन (झील) जिले के प्रवेश द्वार पर अवस्थित एक बहुत ही खूबसूरत एवं मनोरम प्राकृतिक जलाशय है। यहां पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जिसे कार्ययोजना बनाकर विकसित किया जायेगा। यहां पर पर्यटन के विकास के साथ-साथ स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार मुहैया कराने के उदेश्य से आज विश्व पर्यावरण दिवस के दिन एक ठोस कदम उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि जिले को पर्यटन हब के रूप में डेवलप करने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। वीटीआर, नंदनगढ़, सोफा मंदिर, भितिहरवा, उदयपुर, अशोक स्तंभ, सरैयामन आदि का आनंद लेने वाले पर्यटक बहुत जल्द ही अमवा मन (झील) की नैसर्गिक छटां का सुखद अनुभव भी करेंगे। अमवा मन (झील) पहले मत्स्य उत्पादन के लिए प्रसिद्व था लेकिन अब शीघ्र ही यह पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जायेगा।
निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा अंचलाधिकारी को निदेश दिया गया कि इस पूरे क्षेत्र का अच्छे तरीके से मापी कर नजरनक्शा दो दिनों में उपलब्ध करायें। वहीं कार्यपालक अभियंता, डीआरडीए को निदेश दिया गया है कि चयनित स्थल पर नैसर्गिक रूप से उगे हुए पेड-पौधो को बिना क्षति पहुंचायें एक व्यापक कार्ययोजना शीघ्र तैयार करें।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, श्री रवीन्द्र नाथ प्रसाद सिंह, जिला मत्स्य पदाधिकारी, श्री मनीष कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।