शहरवासियों के साथ साथ पत्रकार भी राशन कार्ड से आज तक है वंचित।

शहरवासियों के साथ साथ पत्रकार भी राशन कार्ड से आज तक है वंचित।

Bihar West Champaran

सरकार एव अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा 90% नए राशन कार्ड बाटने का दावे को पत्रकारो ने किया खारिज।

ब्यूरो रिपोर्ट बेतिया: बिहार सरकार के द्वारा घोषित कार्यक्रम में सभी को राशन कार्ड उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी, स्थानीय सदर अनुमंडल पदाधिकारी को सौंपी गई है, इसके साथ- साथ नगर परिषदीय क्षेत्र के लोगों को उनके वार्ड पार्षदों के माध्यम से ,नगर परिषद कार्यालय में जमा कराने का आदेश था,विगत 6 महीने पूर्व सभी नगर वासियों ने अपने – अपने वार्ड पार्षदों के माध्यम से, राशन कार्ड बनाने हेतु सभी आवश्यक कागजातो के साथ जमा करा दिया गया,मगर अभी तक राशन कार्ड की प्राप्ति नहीं हो सकी है।

जबकि सरकार के द्वारा दैनिक समाचार पत्र के माधयम से यह घोषणा करा दी गई कि पश्चिम चंपारण जिले में 99% राशन कार्ड बनाकर लोगों को वितरण कर दिया गया है, जो सरासर तथ्य से परे एवं दिग्भ्रमित करने वाला है, नगर परिषद कार्यालय बेतिया के विश्वसनीय सूत्रों के माध्यम से पता चला है कि राशन कार्ड बनाने वाला वेबसाइट को लॉक कर दिया गया है।

,जिससे राशन कार्ड बनने में कठिनाइयां हो रही हैं, नहीं बन पा रही हैं ,तो फिर किस स्थिति में, स्थानीय सदर अनुमंडल पदाधिकारी बेतिया के द्वारा बिहार सरकार के यह रिपोर्ट सौंप दी गई है कि जिला में 99% राशन कार्ड बनाकर लोगों को सुपुर्द कर दिया गया है , जबकि वस्तु स्थिति ऐसी नहीं है , इससे भ्रामक स्थिति पैदा हो गई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से ऐसी भ्रामक समाचार को प्रकाशित कराकर लोगों के अंदर रोष पैदा कर दिया गया है, उदाहरण स्वरूप, जिला के पत्रकार, वकीलुर रहमान एवं शहाबुद्दीन अहमद का राशन कार्ड सभी आवश्यक कागजातों के जमा कराने के 6 महीना बाद भी प्राप्त नहीं हो सका है, जो खेद का विषय है, जब पत्रकारों की यह हालत व दशा है।

तो फिर आम लोगों का क्या स्थिति होगी इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है। सरकारी घोषणा का अनुपालन, स्थानीय संबंधित पदाधिकारी तो करती ही नहीं है, इसके बावजूद सरकार के पास गलत प्रतिवेदन जमा करके, सरकारी स्तर से ,दैनिक समाचार पत्रों में के माध्यम से भ्रामक समाचार को छपवा कर लोगों को दिग्भ्रमित कर रहे हैं,

सरकार को ऐसे पदाधिकारियों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए स्पष्टीकरण की मांग करनी चाहिए कि किस परिस्थिति में अपने -अपने जिले का प्रतिवेदन सरकार को सौंप दिया है कि 99% लोगों को राशन कार्ड बनवा कर वितरण कर दिया गया है।

इसकी विधिवत गहन जांच होनी चाहिए ताकि वस्तुस्थिति के साथ सत्यता की जांच हो सके और संलग्न दोषी सदर अनुमंडल पदाधिकारियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई हो सके।
इसके साक्षय हेतु, 20 जुलाई 2020 के हिंदुस्तान दैनिक समाचार पत्र का पेपर कटिंग संलग्न है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *