जिसको भगवान के चरण कमल का स्पर्श हो जाता है वो संसार के रस से विरक्त हो जाता है: जगतगुरु रामभद्राचार्य जी महाराज

जिसको भगवान के चरण कमल का स्पर्श हो जाता है वो संसार के रस से विरक्त हो जाता है: जगतगुरु रामभद्राचार्य जी महाराज

West Champaran

सप्तम दिवस की कथा में उमड़ा भक्तों का हुजूम, बही भक्ति की बयार सीताराम विवाहोत्सव प्रसंग के साथ कथा का हुआ समापन

मुजफ्फरपुर/बंदरा : प्रखंड क्षेत्र के प्राचीन बाबा खगेश्वरनाथ महादेव मंदिर,मतलुपुर में विगत सात दिनों से चल रहे श्रीराम कथा का समापन शनिवार को हो गया। कथा श्रवण को पहुँचे नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा, कुढ़नी विधायक केदार गुप्ता और आर बीबी एम महाविद्यालय(मुजफ्फरपुर) की प्राचार्या डॉ ममता रानी ने माल्यार्पण एवं अंगवस्त्र से कथावाचक जगतगुरु रामभद्राचार्य महाराज महाराज जी का अभिनंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। तदोपरांत मन्दिर न्यास समिति के सचिव बैद्यनाथ पाठक ने महाराज श्री को अंगवस्त्र, मिथिला का प्रसिद्ध पाग और बाबा खगेश्वरनाथ का स्मृति चिन्ह भेंट किया।

कथा के विश्राम सत्र और अपने जीवन काल के 1284 वें कथावाचन में पदम् विभूषण जगतगुरू रामभद्राचार्य जी महाराज ने गौतम नारी अहिल्या के उद्धार की प्रसंग के माध्यम से कहा कि भगवान के मन मे एक विचार आया कि शिला बनी अहिल्या का चरण से उद्धार हो जाएगा, परंतु शिला तो बनी रहेगी और जब तक यह शिला रहेगी तब तक लोग अहिल्या जी के काली करतूतों पर थूकते रहेंगे। भगवान ने कहा कि मेरी माँ ने कहा था कि मेरे चरण कमल में वज्र की रेखा है।

इसका स्मरण आते ही प्रभु ने अपने चरण की वज्र रेखा का स्पर्श किया और अहिल्या जी प्रकट हो गयी और न जाने वो शिला कहाँ चली गयी। हांथ जोड़ कर अहिल्या जी कह रही है हे प्रभु एक ही वरदान मांगती हु आपसे आपके चरण कमल के अनुराग रूप का रस पान करती हूं, कृपा पात्र बनाये रखें। “जुगल नयन जल धार बही” अहिल्या जी और गौतम जी के आंखों से जल की धारा बह रही है और हमारे प्रभु के भी आंख से आंसू की धारा बह रही है।

महाराज श्री ने सीताराम विवाहोत्सव प्रसंग की कथा को संछिप्त में कहते हुए कहा की विदेह राजा जनक जी ने ऐसे नही सीता जी को दिया। राम जी ने सीता जी को जीत कर उन्हें प्राप्त किया। “जनक किशोरी छथिन हमरी पूतोहिया हे अवध के नाते, राम जी छथिन ललना हमार अवध के नाते” गीत की माध्यम से मिथिला अवध संबंध को बताया। महाराज श्री ने कहा कि यहाँ मिथिला में समधी-समधिनियो ने इतना प्रेम रूपी, सत्कार रूपी गाली दिया की ट्रक में भर कर ले जाऊ तो भी कम ही पड़ेगा। राम दूल्हा की जय, सीता दुलहिन की जय बोलो मिथिला-अयोध्या की जय जय जय…भजनों से पूरा पंडाल भक्तिमय वातावरण में परिणत हो रहा था। महाराज श्री ने कहा की अहिल्या उद्धार स्थल दर्शन के पश्चात मेरी हार्दिक इच्छा है कि मैं अहिल्या स्थान में अहिल्या उद्धार की कथा सुनाऊ।

कथा के विराम दिवस के अवसर पर कथा श्रवण और महाराज जी के दर्शन एवं आशिर्वाद प्राप्त करने को हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी।  कथा के विराम के उपरांत राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा के पूर्व कुलपति डॉ गोपाल जी त्रिवेदी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मौके पर मतलुपुर मुखिया इंदु देवी,पैक्स अध्यक्ष नवीन कुमार,भाजपा नेता राजकिशोर चौधरी,अशोक सिंह,ललन त्रिवेदी, अभिषेक कुमार,प्रणव रंजन,राहुल कुमार,न्यास समिति के कोषाध्यक्ष रामसकल कुमार,नवलकिशोर चौधरी समेत हत्था ओपी के दारोगा अनिल कुमार सिंह पूरे दल बल के साथ मौजूद थे।

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