सिकटा संवाददाता अमर कुमार की रिपोर्ट,
सिकटा ( पश्चिमी चंपारण) मुख्यालय स्थित आरटीपीएस के विश्वान भवन में जल-जीवन-हरियाली दिवस के अवसर पर एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया।।गोष्ठी में मौसम अनुकूल कृषि एवं फसल अवशेष प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा की गई।वहीं सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से जल संरक्षण के बारे में जानकारी दी गई ।
पराली व फसल अवशेष खेतों में जलाने के कारण उर्वरा पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव के रोकथाम हेतू प्रावधानों की चर्चा करते हुए बताई गई कि फसल अवशेष खेतों में जलाने वाले दोषी किसानों को चिन्हित करते हुए कृषि संबंधित लाभों से वंचित किया जायेगा।साथ ही बताई गई की फसल अवशेष प्रबंधन हेतु किसानों को अनुदानित दरों पर कृषि यंत्र व अन्य उपलब्ध कराई जायेगी।वहीं सूक्ष्म सिंचाई से होने वाले लाभ के बारे में बताई गई कि पौधे के द्वारा अस्सी-नब्बे प्रतिशत जल-ग्रहण की जाती है।
इस प्रकार कम जल में पौधे के जल आवश्यकता को पूरा की जाती है तथा पचीस से तीस प्रतिशत कम उर्वरक खपत होती है।साथ ही उत्पादन में पचीस से तीस प्रतिशत की बृद्धि होती है।वहीं उपस्थित कृषिकर्मियों ने वेबकाॅस्टिंग के माध्यम से जानकारी प्राप्त किया।गोष्ठी बीएओ धिरेन्द्र कुमार सिंह के देखरेख मेें हुई।जिसकी अध्यक्षता आत्मा के प्रखंड अध्यक्ष हरिशंकर राव ने की।मौके पर लेखापाल महम्मद रूस्तम, विकास कुमार,कृषि समन्वयक रविन्द्र भारती,तकनीकी सहायक राजू कुमार,मनोज कुमार,प्रेम प्रसाद,जितेन्द्र कुमार साह,किसान सलाहकार पुष्पेन्द्रर कुमार,सत्येन्द्र त्रिपाठी समेत कई अन्य मौजूद रहे।