घरेलू हिंसा की रोकथाम एवं बाल विवाह उन्मूलक के प्रति जागरूक हो समाज

घरेलू हिंसा की रोकथाम एवं बाल विवाह उन्मूलक के प्रति जागरूक हो समाज

Bettiah Bihar West Champaran

घरेलू हिंसा, बाल विवाह एवं सामाजिक जागरूकता‍”विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न।

महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन।

बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट!

बेतिया ( पश्चिमी चंपारण)
25 नवंबर शनिवार के दिन बेतिया में संचालित सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।इस अवसर पर एक परिचर्चा का अभी आयोजन किया गया । जिसका विषय था” घरेलू हिंसा बाल विवाह एवं सामाजिक जागरूकता”। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया, वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक एवं डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से कहां कि बालिकाओं एवं महिलाओं के खिलाफ हिंसा पूरी दुनिया में एक बार-बार होने वाली समस्या है। चाहे घरेलू हिंसा हो या यौन हिंसा या हत्या, महिलाओं को दुनिया में हर जगह समस्याओं एवं दुर्व्यवहार के डर का सामना करना पड़ता है। लेकिन दुनिया आगे बढ़ रही है एवं सभी लिंगों के लिए एक सुरक्षित स्थान बना रही है, अब समय आ गया है कि हम बालिकाओं एवं महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा एवं बाल विवाह को रोकने के लिए एक साथ हाथ मिलाएं। इस दिशा में सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट, फकीराना सिस्टर्स सोसाइटी ,कैलाश सत्यार्थी फाऊंडेशन,बचपन बचाओ आंदोलन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।कोविड-19 महामारी आंखें खोलने वाली थी क्योंकि इसने बालिकाओं एवं महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा को बढ़ा दिया। बच्चों पर काम करने वाली संस्थाओं को कोविड-19 महामारी के समय बच्चों बालिकाओं एवं महिलाओं के दुर्व्यवहार के चौंकाने वाले आंकड़े उपलब्ध हुए थे। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि हर साल, महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस उन तरीकों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है जिनके द्वारा हम हिंसा को रोकने के लिए एक साथ आ सकते हैं।
1979 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन के कन्वेंशन को अपनाया लेकिन महिलाओं के खिलाफ हिंसा अभी भी बड़े पैमाने पर थी। 2008 में, महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने और नीति निर्धारण के लिए कदम उठाए गए थे। 1981 से, महिला अधिकार कार्यकर्ता 25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मना रहे हैं।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महिला ने लिखा, “इस साल लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ 16 दिनों की सक्रियता का वैश्विक विषय ‘एकजुट! महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए निवेश करें’ है, जो सक्रिय रूप से लिंग आधारित हिंसा को रोकने के लिए रोकथाम रणनीतियों के वित्तपोषण की आवश्यकता पर जोर देता है।”

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