दो दर्जन से अधिक प्रवासी पक्षी आते है। सरैयामन।
बैरिया से अजहर आलम के सहयोग से बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट!
बैरिया (पश्चिमी चंपारण)
आश्रयणी बैरिया प्रखंड के सरैयामन झील में लोग प्रवासी पक्षियों के प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी आने का इंतजार कर रहे हैं। हर साल यहां एक सौ से ज्यादा प्रजाती के पक्षियों की आने की संभावना होती है। पिछले साल यहां पर दो दर्जन से अधिक प्रजातियों की पक्षियां आई थी। अब किसी भी समय उनका आगमन हो सकता है, प्रवासी पक्षियों का सरैयामन में जनवरी के महीने में हर साल आगमन होता है। ठंड के मौसम में ये पक्षी आते है। बताया जाता है। की तीन से साढ़े तीन वर्ष के प्रवास के दौरान इन पक्षियों का प्रजनन भी यहीं पर होता है। फिर ये बच्चों को अपने साथ लेकर वापस चली जाती हैं। वन प्रमंडल पदाधिकारी के अनुसार कभी भी सरैयामन में प्रवासी पक्षियों का आगमन हो सकता है। ठंड का मौसम आ गया है। ऐसे में किसी भी समय वो साइबेरिया से यहां कई प्रकार की प्रवासी पक्षियां नजर आती है।जानकारों की माने तो पिछले साल हुई गणना में यहां लगभग दो दर्जन से अधिक प्रजाती की पक्षियां मिली थी. वन विभाग के गणना में जो पक्षी मिली थी उनमें मुख्य रूप से पनकौआ, हेरोन, इग्रेट घोधिल, ब्रान विन, कींग फीशर की विभिन्न प्रजातियां, पर्पल स्वीन फर्न शामिल थी. पिछले वर्ष दो घंटे की हुई गणना में इतनी संख्या में प्रवासी पक्षी मिली थीं, जबकि इसमें और अधिक पक्षियों की उपस्थिति की संभावना थी। पिछले साल यहां आई अधिकांश प्रवासी पक्षी दुर्लभ प्रजाति की थी. यहां दुर्लभ प्रजाति की पक्षियों का पाया जाना इस बात को साबित करता है कि यह क्षेत्र पक्षियों के आश्रय के लिए महत्वपूर्ण है।पक्षियों की गणना इंटरनेशनल यूनियन फॉर कॉजवेंशन ऑफ नेचर की पहल पर कराई गई थी। बता दें कि सरिया मन में वर्ष 2015-16 में पक्षियों की गणना कराई गई थी, इसमें 90 से अधिक प्रजातियों के वास करने का साक्ष्य मिला था. इसमें प्रवासी सहित स्थानीय पक्षी भी शामिल रहे, तब की गणना विभिन्न मौसम में की गई थी, जबकि पिछले वर्ष की गणना केवल ठंड के मौसम में और वह भी मात्र 2 घंटे में ही की गई थी. इसमें जो चिड़िया की मौजूदगी हुई उससे एक सौ से अधिक प्रजातियों की पक्षियों के रहने की संभावना है।