राममनगर से ठाकुर रमेश शर्मा के सहयोग से बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट
रामनगर (पश्चिमी चंपारण)
बिहार में चलने वाली यात्री बसों में ड्राइवर के सहयोगी कंडक्टर को भी लाइसेंस रखना होगा। बिना लाइसेंस लिए कंडक्टर काम नहीं कर पाएंगे। परिवहन विभाग ने समीक्षा बैठक में इस बाबत निर्णय लिया गया। शहरी और ग्रामीण इलाकों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर इसका अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है।इसको लेकर जांच भी की जाएगी। विभाग के अनुसार, बसों में ड्राइवर के साथ कंडक्टर का भी लाइसेंस जरूरी होता है, लेकिन इस नियम का पालन नहीं किया जाता है, मगर अब ऐसा नहीं होगा।विभागीय जानकारी के अनुसार, महज 35 कंडक्टरों के पास ही लाइसेंस है। पटना में महज 16 लोगों के पास लाइसेंस है। इसके अलावा मुजफफरपुर, गया, भागलपुर, भोजपुर, वैशाली, हाजीपुर में कंडक्टर लाइसेंस बनाया गया है। अन्य जिलों में लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया नदारद है।कंडक्टरों का लाइसेंस जिला परिवहन कार्यालय से जारी होता है। ड्राइविंग लाइसेंस की तरह उन्हें भी लाइसेंस दिया जाता है लेकिन कंडक्टर लाइसेंस में लर्निंग का सिस्टम नहीं है। आवेदक को सीधे लाइसेंस निर्गत किया जाता है।
विभाग की मानें, तो इस नियम का पालन इसलिए जरूरी है ताकि सवारी गाड़ी में कंडक्टर की पूरी जानकारी विभाग के पास हो। यात्री कंडक्टर की पहचान भी कर सकें। लाइसेंस होने से गलत व्यवहार पर कंडक्टर की शिकायत भी दर्ज कराना और पहचान करना आसान होगा।