बेतिया /सिकटा संवाददाता अमर कुमार की रिपोर्ट
बिहार राज्य मनरेगा मजदूर संघ व अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के बैनर तले सात सूत्री मांगों के समर्थन में बीडीओ और पीओ को एक ज्ञापन मजदूरों ने सौपा।एक प्रदर्शन के माध्यम से रोष भी जताया गया।खेमस के जिलाध्यक्ष संजय राम ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा हाल में जारी एडवाइजरी ने यूनिवर्सल जॉब गारंटी के उसके मौलिक तत्व को ही खारिज कर दे रहा है।मांग आधारित काम नही मिलने पर बेरोजगारी भत्ता पाने का क्लेम करना इस कानून का अहम पक्ष है।इसे टुकड़े टुकड़े विभाजित कर इस कानून की हत्या करना सरकार की मंशा है।बिहार में कैश रिपोर्ट में मनरेगा में बड़े पैमाने पर लूट का उजागर हुआ है।एक प्रतिशत से भी कम मनरेगा मजदूरों को एक सौ दिन काम मिला है।वही सात सूत्री मांगों में मनरेगा कानून में जारी एडवाइजरी वापस लो।मनरेगा का मौलिक स्वरूप बहाल करो।दो सौ दिन काम और 6सौ रुपये की मजदूरी गारंटी करो।मनरेगा घोटाले की जांच सर्वदलीय कमिटी से कराओ।मनरेगा मजदूरों को कम से कम कृषि मजदूरी दो।सभी मजदूरों को कम से कम एक सौ दिन की मजदूरी कोरोना भत्ता के रूप में दो।मनरेगा में काम की उपलब्धता मजदूरी भुगतान औरलूट पर लगाम लगाओ आदि मांगे शामिल रहे।कार्यक्रम में राजन कुमार गुप्ता,इस्लाम अंसारी,सुरेश राम, कलाम अंसारी, शौकत अली,खेदन दास, आजाद अंसारी मौजूद रहे।