15 रूपये किलो मुर्गा खरीदार नही तो छोड़ दिया खेत में, रोज सुबह बोल रही मुर्गा कुकुरू कु।

15 रूपये किलो मुर्गा खरीदार नही तो छोड़ दिया खेत में, रोज सुबह बोल रही मुर्गा कुकुरू कु।

Bihar West Champaran
15 रूपये किलो मुर्गा खरीदार नही तो छोड़ दिया खेत में, रोज सुबह बोल रही मुर्गा कुकुरू कु।

रिपोर्ट= अमित कुमार, पश्चिमि चंपारण: रामनगर के बलुआ गाँव में स्थापित नारायणी फीड्स प्रा.लिमिटेड पर फिर दूसरी बार गहरा संकट आ गया है। गत वर्ष भारी आंधी तूफान के कारण फैक्ट्री में भारी क्षति हुई थी। फैक्ट्री के मालिक रघुवंश नारायण सिंह ने काफी मेहनत व प्रयास करके फैक्ट्री को चालू कराया स्थानीय सैकड़ों लोगों को रोजगार दिए।

लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के क्रम में फैक्ट्री पुर्णत: बर्बाद हो चुका है। इस फैक्ट्री में मुर्गियों का दाना बनाया जाता है। जब कोरोना महामारी से बचाव हेतु भारत में तैयारियां शुरू हुईं तो धीरे-धीरे मुर्गों की खपत कम होने लगी। होली जैसे बड़े त्योहार जिसमें पोल्ट्री व्यवसायी काफी उम्मीदें रखते हैं।

लेकिन मुर्गे की ब्रिक्री नही हुई इसी बीच कोरोना के भारत में दस्तक के बाद लोगों ने मुर्गा खाना भी बंद कर दिया। डेढ़ सौ रूपये किलो बिकने वाला मुर्गा का मांस तीस- चालीस पर भी खरीदार नहीं हैं। व्यवसायियों ने किसी तरह मुर्गों को खपाया या खेतो में छोड़ दिया। नतीजतन पोल्ट्रीफार्म वाले नारायणी फीड्स का बकाया भी नहीं चुका रहे हैं।

वही तैयार दाना कोई खरीदने के लिए तैयार नहीं है। गोदाम में रखे दाने खराब हो गए हैं। फैक्ट्री के मजदूरों व कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं हो पाया है, ऐसी परिस्थिति में फिर से एक बार फैक्ट्री प्रबंधन लड़खड़ा गया है। कोरोना की इस महामारी में आगे जो कुछ भी बर्बाद हो फिलहाल ग्रामीणों को रोजगार देनेवाला यह फैक्ट्री धाराशायी हो गया है।

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