कोरोना महामारी के संदर्भ में लॉकडाउन ने मजदूर वर्ग, किसानों, खेत मज़दूरों और दुनिया भर के सभी मेहनतकश लोगों की आजीविका को नष्ट कर दिया है।
जिले की अधिकांश ग़रीब जनता इस लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुई है।
राशन न होने के कारण आत्महत्या का सिलसिला शुरू हो चुका है।
ब्यूरो रिपोर्ट, पश्चिमि चम्पारण: केंद्र सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए जो राशि आवंटित की है वो बहुत ही कम है। देश की कुल जीडीपी के एक प्रतिशत से भी कम। जबकि दुनिया के कई देशों ने अपनी जीडीपी का 4-5 प्रतिशत तक की राशि जनता की हिफाजत के लिए आवंटित की है।
हालाँकि केंद्र सरकार ने वेतन ना कटे जाने और छंटनी पर रोक को लेकर आदेश जारी किया है, लेकिन वास्तविकता इसके ठीक विपरीत है। इसके अलावा अवसर का इस्तेमाल करते हुए, मुनाफाखोर पूँजीवादी शोषक के पक्ष में सरकार काम के घंटे को 12 घंटे तक बढ़ाने का प्रस्ताव ला रही है। आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी व जमाखोरी और कृत्रिम कीमत वृद्धि भी व्यापक तौर पर फैली हुई है। भोजन और आश्रय खोजने में असमर्थ, लाखों प्रवासी मजदूर सैकड़ों-हजारों किलोमीटर पैदल चलकर महानगरों से अपने पैतृक गाँव की ओर आए हैं।
पश्चिम चम्पारण में लॉकडाउन के कारण किसानों को हुए नुकसान का आकलन करने और उस के लिए मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं, साथ ही खड़ी फसलों की कटाई और खरीद को लेकर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। अगर ऐसा नहीं होता है तो आने वाले दिनों में देश में खाद्य आपूर्ति की भारी कमी हो सकती है। और इसका सबसे बुरा असर छोटे किसानों तथा मज़दूरों पर पड़ेगा।
बिहार राज्य किसान सभा की पश्चिम चम्पारण जिला किसान कौंसिल अपने सभी सदस्यों व राज्य भर के किसानों से अपील करती है कि 21 अप्रैल को सुबह 10.30 बजे पाँच से दस मिनट के लिए शारीरिक दूरी व डब्ल्यूएचओ के मानदंडों को ध्यान में रखते हुए अपने घरों, दरवाजों, बालकनियों, छत पर खड़े होकर ”खोखले भाषण नहीं, हमें रोटी चाहिए – आर्थिक सहयता चाहिए” जैसे नारे लगाते हुए किसानो की मांगों पर विरोध-प्रदर्शन का आयोजन करें। इस दौरान नीचे दिए गए माँगों के आधार पर पोस्टर, तख़्ती बनाकर हाथ में लें या गले में पहन सकते हैं।
हमारी माँगे –
1. जिले के सभी नागरिकों के भोजन और आजीविका की सुरक्षा के लिए 5000 / रूपये महीना सहायता के रूप में दिए जाने के लिए विषेश पैकेज की तुरंत घोषणा की जाए।
2. छह महीने के लिए सभी घरों में मुफ्त राशन एवं 30 हजार रुपए प्रदान किया जाए।
3. केरल की तरह खड़ी फसलों की कटाई को आवश्यक सेवा घोषित किया जाए। कटाई के उपकरण और आने वाले सीज़न के लिए बीज एवं खाद मुफ्त दिए जाए।
4. लॉकडाउन के कारण काम खोने वाले खेत मजदूरों के लिए भत्ते का भुगतान करने के लिए मनरेगा के तहत तीन महीने का बेरोजगारी भत्ता दिया जाय।
5. ब्लॉक और जिला प्रशासन के माध्यम से सब्जियों, दूध व अन्य नशवर खाद्य पदार्थों की कटाई सहित अपरिहार्य कृषि कार्यों को करने के लिए खेत मजदूरों व किसानों को मुफ्त सुरक्षा उपकरण प्रदान करें।
6. लॉकडाउन के कारण फसल के नुकसान का आकलन करें और फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा सुनिश्चित करें।
7. प्रधान मंत्री किसान सम्मान योजना के तहत घोषित सहायता राशि का सभी किसानों, बटाईदार/ पट्टेदार को अविलंब भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
8. फसल ऋण दिशानिर्देशों को संशोधित करने के लिए सभी बैंकों को दिशा निर्देश दियें जाए, ताकी नये फसल सत्र शुरू करने के लिए लंबित किश्तों के बावजूद नया फसल ऋण जारी किया जा सके।
9. पश्चिम चम्पारण के कई हिस्सों में हुए बेमौसम आँधी, बारिश तथा ओलावृष्टि से हुए फ़सल तथा आम , लीची , साग सब्जी के नुक़सान का तुरंत आकलन करके क्षतिपूर्ति मुआवज़ा दिया जाए।
प्रभूराज नारायण राव ,संयुक्त सचिव ,बिहार राज्य किसान सभा चांदसी प्रसाद यादव , जिला सचिव ,पश्चिम चम्पारण
प्रभुनाथ गुप्ता ,सचिव ,खेतिहर मजदूर यूनियन, प.चम्पारण
शंकर कुमार राव ,सचिव , सी आई टी यू , पश्चिम चम्पारण।