ब्यूरो रिपोर्ट, बेतिया सोमवार 27 जुलाई 20
जिले में आई बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए ,स्थानीय जिला प्रशासन एवं बिहार सरकार से, मैं सुरैया शाहब, जिला अध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संघ (भारत) मांग करती हूं कि इस विषम परिस्थिति में, जिले को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाए, साथ ही बाढ़ पीड़ितों को आवश्यक सामग्री, दवा, त्रिपाल, टेंट, खाद्य सामग्री, माचिस ,मोमबत्ती, मवेशियों के लिए चारा, बाढ़ पीड़ितों के आवागमन के लिए अधिक संख्या में नाव की उपलब्ध कराई जाए ताकि बाढ़ ग्रसित चैन का सांस ले सके।
स्थानीय जिला प्रशासन व बिहार सरकार के द्वारा मात्र 6 -6 हजार रुपया बाढ़ पीड़ितों को देने के लिए घोषणा की गई है, मगर अभी तक ग्रामीणों के खाते में पैसा नहीं आ सका है,सरकार केवल घोषणा कर रही है, मगर हकीकत इससे बहुत दूर है, बाढ़ से अधिक प्रभावित, मझौलिया के तिरवा इलाका , निचला इलाका, चनपटिया के पकड़ीहार ,गिद्दा, घोघा, पीरा,जैतिया, बाल्मीकि नगर के भतहा, ठाकराहा, बैरिया, नौतन ,आदि बाढ़ प्रभावित इलाकों में कोई सामुदायिक किचन का सही मायनों में नहीं चल रही है ,इसके अलावा राहत कैंप का भी संचालन नहीं किया जा रहा है ,जो खेद का विषय है।