ब्यूरो रिपोर्ट, बेतिया: महामारी को रोकने में जिला प्रशासन के साथ-साथ बिहार सरकार भी कम दोषी नहीं है, कोरोना महामारी के स्थिति के मद्देनजर रखा जाए तो पता चल जाएगा कि किस तेजी से यह महामारी फैलती जा रही है,
बिहार सरकार के मुखिया, मौनिया बाबा बने बैठे हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सरकार से मांग करती है कि 2 महीने में 3 स्वास्थ सचिव को बदलने से सिर्फ समस्या का समाधान नहीं होने वाला है,जब तक स्वास्थ मंत्री को नहीं हटाया जाएगा, तब तक इसी तरह घोर लापरवाही होती रहेगी।स्वास्थ मंत्री खुद डरे हुए हैं, बिहार के सारे जिलों में स्वास्थ विभाग का बदहाली साफ नजर आ रहा है,न समय पर डॉक्टर,न ही कोई उपचार की समुचित व्यवस्था दिखाई दे रही है,
उपचार के लिए रोगी दर दर भटक रहै हैं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष सहित सभी कार्यकर्ता व सदस्य मांग करते हैं कि स्वास्थ मंत्री को जल्द हटाया जाय,जिससे पूरे बिहार में स्वास्थ विभाग में चरमराई व्यवस्था को गुणात्मक सुधार मिल सके। राकपा का स्पष्ट मानना है कि यह सरकार सभी मोर्चो पर पूरी तरह से विफल नजर आ रही है,अभी राज्य के लोग कोराना संकट से गुजर रहे है।
किसान उचें दाम पर उर्वरक खरीदने को बाध्य है तथा खाद की कालाबाजारी चरम सीमा पर है, सुशासन कुमार अपने आवास से केवल फरमान जारी कर रहे है, उन्हें केवल चुनाव की चिंता है। बिहार की जनता आपदा में, त्राहिमाम कर रही है ,भाजपा एवं जदयू के नेता वर्चुअल रैली कर कोराना बांट रहे है।
कॉरोना महामारी संक्रमण व बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए बिहार विधानसभा का चुनाव अगले तीन चार महीना के लिए स्थगित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।