नीतीश कुमार ने समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा की कानून बनाने से जनसंख्या नियंत्रित नहीं होगा इसके लिए शिक्षा का रोल सबसे बड़ा है,अगर शिक्षित महिलायें होंगी तो देश या राज्य का प्रजनन दर खुद निचे आ जाएगी , अगर शिक्षा का दर बढ़ेगी तो महिलाओ में जागृति आएगी |
उन्होंने बताया की सब राज्य इसके लिए स्वतंत्र है जिनको भी इसपर कानून बनाना है बना सकते है लेकिन कानून बना लेने मात्र से जनसख्या नियंत्रित नहीं हो सकता है उनके विचार से इस तरह से जनसख्या पर काबू नहीं पाया जा सकता है, उन्होंने चीन का उदहारण देते हुए बताया है की कैसे अब वे लोग एक से दो बच्चो की अनुमति दे रहे है या किसी भी देश का डाटा उठा कर देख लेने की बात कही,
नीतीश कुमार ने बताया की ,”इससे जुड़े सर्वे और शोध में सामने आया था कि जब पति और पत्नी में से पत्नी मैट्रिक पास होती है तो देश भर की औसत प्रजनन दो थी. जब बिहार में भी ये शोध किया गया तो पता चला कि यहां भी औसत प्रजनन दर दो ही थी. लेकिन अगर महिला बारहवीं पास है तो देश भर का औसत आया 1.7 और बिहार का औसत 1.6 था.”
उन्होंने चिंता जताया की तरह से गिरते रहे प्रजनन दर तो 2040 तक वृद्धि दर नगण्य होने का अनुमान लगया और कहा की पिछले कुछ सालो में बिहार का प्रजनन दर चार प्रतिशत से गिर कर तिन प्रतिशत हो गयी है उन्होंने महिला शिक्षा पर जोर देने की बात पर ही जोर देने को बात करते रहे |