सिकटा संवाददाता अमर कुमार की रिपोर्ट
बेतिया/सिकटा- सरकारी कार्यों के क्रियान्वयन में संवेदक द्वारा लूटखसोट करने का कार्य चरम पर है। इसका खुलासा सिकटा रेलवेस्टेशन पर चाहरदीवारी व शौचालय निर्माण में हुआ है।स्टेशन पर सार्वजनिक शौचालय और चारदीवारी का निर्माण कराया जा रहा है।इस कार्य मे दो न0 का इट और घटिया बालू का प्रयोग कर कार्य को कराया जा रहा है। इसे लेकर यहां से यात्रा कर रहे यात्रियों, स्थानीय बाजार के व्यवसायियों समेत अन्य लोगों में आक्रोश है।
लोगो का कहना है कि पहले रेलवे का काम एक नम्बर का होता था।जिसका उदाहरण करीब एक सौ साल पहले से निर्मित पुल पुलिया है।अब तो घटिया सामग्री का प्रयोग कर कार्यो को कराया जा रहा है।जिससे एक तरफ काम होता है और दूसरे तरफ से कराए गए काम टूटना शुरू हो जाता है।। यात्रियों में राममनोहर कुशवाहा, विनोद उपाध्याय, केशव कुमार, व्यवसायी शम्भु प्रसाद कानन, रामनरेश प्रसाद, सुरेन्द्र प्रसाद,नेपाल के विजय कुमार, मोहन साह आदि ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर सर्वजनिक शौचालय व चाहरदीवारी का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
जिसमें लोकल बालू व तीन नंबर ईटों का प्रयोग किया जा रहा है। इस तरह के निर्माण की कोई स्थाईत्व की गारंटी नही की जा सकती है। लोगों ने कहा कि प्रदेश व केन्द्र सरकार की योजनाओं में इस तरह के निर्माण कराया जाना आम बात है। वही रेलवे के निर्माण कार्य बेहतर सामग्री से कराये जाते रहे है। लेकिन यहां के निर्माण कार्य अन्य योजनाओं में होने वाले कार्यों से भी बदतर है। इस बाबत विधायक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता से सिकटा स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर चाहरदीवारी व शौचालय निर्माण में घटिया सामाग्री के प्रयोग की शिकायत ग्रामीणों ने किया था। जिसके आलोक में विधायक ने तीन मार्च को पूर्व मध्य रेलवे के डीआरएम को निर्माण सामग्री की फोटो भेज कर मामले की शिकायत किये थे।
लेकिन अबतक कार्रवाई व घटिया सामाग्री पर रोक नहीं होने पर आश्चर्य व्यक्त किया है। वही पुनः कार्रवाई की मांग की है। रेलवे के एडीइएन अखिलेश मिश्रा ने कहा कि शिकायत पर तत्काल निर्माण कार्य को रोक दिया गया है। इसकी जांच आरडब्लू से कराई जा रही है। वैसे वहां जो लोकल बालू लाया गया है। उसे पेवर ब्लॉग के खाली स्थान को भरने के लिए रखा गया है।शौचालय का निर्माण सोनसेण्ड व बढाई ईटों से कराई गई है। बावजूद क्वालिटी से कोई समझौता नही होगा।