अम्बेदकर जयंती के अवसर पर भाकपा माले ने दलित लड़कियों के हत्या के खिलाफ किया प्रतिवाद मार्च।

अम्बेदकर जयंती के अवसर पर भाकपा माले ने दलित लड़कियों के हत्या के खिलाफ किया प्रतिवाद मार्च।

Bettiah Bihar West Champaran

रफीगंज में 6 दलित लड़कियों को जहर खिलाने और 4 की मृत्यु मामले की उच्चस्तरीय जांच कराओ: माले

न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान,

बेतिया!अम्बेदकर जयंती के अवसर पर भाकपा माले और ऐपवा जिला इकाई ने औरंगाबाद जिले के रफीगंज में 6 दलित लड़कियों को जहर खिलाने और उसमें से 4 दलित लड़कियों के हत्या के खिलाफ बेतिया रेलवे स्टेशन से जिला समाहरणालय गेट स्थित बाबा साहेब अम्बेडकर की मुर्ति स्थल तक प्रतिवाद मार्च किया, भाकपा माले नेता सुनील कुमार राव ने कहा कि आज अम्बेडकर जयंती है।

पुरा देश डॉ. भीमराव अंबेडकर की 131वीं जयंती मना रहा है, बाबा साहेब ने भी हिंदू पंथ के अनेक कुरीतियां, छुआछूत और ऊंच-नीच की प्रथा के खिलाफ अथक संघर्ष किया। आज आजादी के 75 साल बाद भी देश में दलितों पिछड़ों और महिलाओं के साथ भेदभाव और उत्पीड़न जारी है, जिस का ताजा उदाहरण 8 अप्रैल को औरंगाबाद के रफीगंज में 6 दलित लड़कियों को एक साथ एक बधार में जहर खिलाकर उसमें से चार की हत्या हो चुकीं है, को अखबार में प्रेम प्रसंग की बात कहीं जा रहीं हैं,

जो कहीं से भी तार्किक प्रतीत नहीं हो रहा है. आखिर किस दवा दुकान ने लड़कियों को जहर मुहैया कराया? यह मानी हुई बात है कि आज की तारीख में कोई भी दुकान महिलाओं को चूहे मारने तक की दवा नहीं देती. अथवा किसी प्रकार का ड्रग्स बिना चिकित्सक के अनुमोदन के नहीं दिया जाता. इसलिए, प्रेम प्रसंग में जहर खाने का मामला किसी बड़ी साजिश को ढक देने की एक बनाई हुई कहानी प्रतीत होती है. प्रथम द्रष्टया हमें यही लग रहा है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है, जिसे साजिशन आत्महत्या कहा जा रहा है.,
ऐपवा नेत्री ऊषा भारती ने कहा कि मोदी सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा लगाकर गरीबों दलितों का वोट तो हासिल कर ले रहीं हैं, मगर इस सरकार के कार्य काल में रोज ब रोज महिलाओं और लडकियों पर हिंसक हमला हो रहा है, हमला करने वाले अपराधियों को सरकार का प्रत्यक्ष संरक्षण प्राप्त हैं,
आज के विरोध प्रदर्शन के माध्यम से भाकपा माले और ऐपवा नीतीश सरकार से निम्नलिखित मांग करतीं हैं जो इस प्रकार है.औरंगाबाद के रफीगंज में 6 दलित लड़कियों की जहर खाने और 4 लड़कियों की मृत्यु के संपूर्ण मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. क्योंकि यह आत्महत्या नहीं हत्या का मामला प्रतीत होता है. अखबारों में इसे प्रेम प्रसंग का मामला बताए जाने की खबर को गरीब/दलित लोग गलत बता रहे हैं।

और गांव के ताकतवर सवर्णों पर शक जाहिर कर रहे हैं लेकिन डर के कारण कोई बोलने की स्थिति में नहीं हैं. इन परिवारों को सुरक्षा दिया जाए. स्थानीय थाना प्रभारी को तत्काल मुअत्तल किया जाए .एक मृतक लड़की का मोबाइल गायब है, उससे बहुत कुछ पता चल सकता है लेकिन पुलिस ने उस फोन को हासिल करने का कोई प्रयास नहीं किया है. दो जीवित बची लड़कियों का बयान दर्ज किया जाए.उन्हें सुरक्षा दी जाए और उनकी पढ़ाई और जीवन यापन की सरकार व्यवस्था करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *