जिलाधिकारी द्वारा कोल्ड रूम-सह-राईपेनिंग चैम्बर, नानोसती का किया गया निरीक्षण।

जिलाधिकारी द्वारा कोल्ड रूम-सह-राईपेनिंग चैम्बर, नानोसती का किया गया निरीक्षण।

Bettiah Bihar West Champaran

इच्छुक अन्य लोगों को भी कोल्ड रूम-सह-राईपेनिंग चैम्बर अधिष्ठापन एवं उपयोग कराने के लिए करें प्रेरित : जिलाधिकारी।

व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराने का निदेश।

न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान,

बेतिया। जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार द्वारा नानोसती अवस्थित एसके एग्रो फ्रुट कम्पनी द्वारा अधिष्ठापित कोल्ड रूम-सह-राइपेनिंग चैम्बर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के क्रम में थोक फल व्यवसायी श्री संजय कुमार द्वारा बताया गया कि यह इकाई 24 एमटी क्षमता का है जिसमें 04 चैम्बर है। पफ चैनल पर आधारित इस इकाई में अलग-अलग फलों के अनुसार तापमान नियंत्रित करने की ऑटोमेटिक व्यवस्था है।

व्यवसायी द्वारा बताया गया कि जहां केला जैसे फलों के लिए 16 डिग्री तापमान की जरूरत पड़ती है वहीं सेब, नासपाती के लिए माइनस 1 डिग्री तापमान मेंटेन किया जाता है। वहीं चैम्बर विशेष को राइपेनिंग चैम्बर की तरह भी प्रयोग किया जा सकता है। जिसमें कच्चे फल जैसे केला को कैरेट में रखकर चैम्बर में इथलिन गैस छोड़कर चैम्बर को बंद कर दिया जाता है जिससे 8-9 घंटे में फल पक जाता है।

उन्होंने बताया कि राइपेनिंग चैम्बर में फल पकने का फायदा यह है कि सभी फल एक समान रूप से पकते हैं एवं फलों की चमक एवं टेक्सचर बरकरार रहता है, जिससे इसकी मार्केटिंग अच्छी होती है।

जिलाधिकारी द्वारा पृच्छा के क्रम में बताया गया कि जिस मौसम में स्थानीय केला उपलब्ध नहीं होता है तो वे महाराष्ट्र के भुसावल से कच्चा केला मंगावाते हैं एवं राइपेनिंग चैम्बर में पकाकर मांग के अनुसार धीरे-धीरे मार्केट में छोटे फल व्यवसायी/रिटेलर को सप्लाई करते हैं। तापमान नियंत्रण की सुविधा होने के कारण फलों को ज्यादा समय तक स्टोर किया जा सकता है।

व्यवसायी द्वारा बताया गया कि वे थोक में सेब, केला, नाशपाति जैसे फल दूसरे राज्यों से मंगवा कर कोल्ड रूम में स्टोर करके रखते हैं एवं बेतिया, नरकटियागंज, बगहा, रक्सौल, मोतिहारी के खुदरा व्यवसायियों को फल सप्लाई करते हैं।

उन्होंने बताया कि कोल्ड रूम-सह-राइपेनिंग चैम्बर लगाने से उनकी आमदनी बढ़ी है क्योंकि इसमें फल ज्यादा दिन तक स्टोर किया जा सकता है एवं पोस्ट हार्वेस्ट क्षति भी कम होता है।

पूछताछ के क्रम में व्यवसायी द्वारा बताया गया कि इस इकाई को लगाने में उनको 14 लाख रूपये का खर्च आया है जिसके लिए उन्होंने बैंक से ऋण लिया है। सहायक निदेशक, उद्यान द्वारा बताया गया कि इस तरह की इकाई लगाने पर राज्य बागवानी मिशन द्वारा 35 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। व्यवसायी द्वारा आवेदन देने के उपरांत एसएलइसी द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गयी है।

जिलाधिकारी ने श्री संजय कुमार से राईपेनिंग चैम्बर के फायदे की जानकारी ली तथा इच्छुक अन्य लोगों को भी इसके उपयोग और अधिष्ठापन के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि जब तक लोग इसके फायदे नहीं समझेंगे तबतक इसका उपयोग नहीं करेंगे। इस हेतु कोल्ड रूम-सह-राईपेनिंग चैम्बर का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराएं।

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